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12 December 2024

राज्यसभा: जॉर्ज सोरोस और नो-कॉन्फिडेंस मोशन को लेकर हंगामा, कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित

राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने संबंधी नोटिस और अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस से कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के संबंधों के आरोपों के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप का दौर चला और इस कारण हुए हंगामे की वजह से उच्च सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सुबह आवश्यक दस्तावेज और विभाग संबंधी विभिन्न समितियों की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखवाने के बाद धनखड़ ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने के लिए कुल छह नोटिस मिले हैं।

उन्होंने पांच नोटिस खारिज कर दिए और कहा कि एक नोटिस कांग्रेस की रेणुका चौधरी का है जो इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश से संबंधित है। सभापति ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि इस पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक स्वतंत्र प्रस्ताव की आवश्यकता होती है। उन्होंने इस नोटिस को भी खारिज कर दिया।

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इसके बाद विपक्षी सदस्यों और सभापति के बीच इस मुद्दे पर कुछ देर तकरार देखने को मिली।

बाद में सभापति ने नेता सदन जे पी नड्डा को बोलने का अवसर दिया। इसे लेकर विपक्षी सदस्यों की ओर से हंगामा शुरू हो गया।

हंगामे के बीच नड्डा ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति के मुद्दे पर बुधवार को किए गए एक संवाददाता सम्मेलन का उल्लेख किया और कहा कि नियमों के हिसाब से आसन पर न तो सवाल उठाया जा सकता है और न ही इसकी आलोचना की जा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे दुख के साथ करना पड़ता है कि कल विपक्ष के नेता खरगे जी... जो बहुत वरिष्ठ और तर्जुबेकार नेता हैं...ने एक संवाददाता सम्मेलन करके आसन की आलोचना की। यह बहुत ही आपत्तिजनक है। सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए। यह गलत परंपरा को रास्ता दिखाता है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है।’’

नड्डा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया है कि सदन में उन्हें अवसर नहीं दिया जाता है जबकि सभापति ने कई बार नेता प्रतिपक्ष को अपने कक्ष में बुलाया लेकिन वह नहीं आए।

उन्होंने कहा कि यहां तक कई बार आसन की ओर से उन्हें पत्र भी लिखा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बताता है कि प्रजातांत्रिक परंपराओं और व्यवस्थाओं में आपकी कितनी रुचि है। कितना आप उसका आदर करते हैं।’’

नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडिल से सभापति को ‘चीयर लीडर’ तक कहा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘इसकी जितनी भर्त्सना की जाए, वह कम है। संवैधानिक पद को इस तरीके से निशाना बनाया जाना, संवैधानिक पद का इस तरीके से अपमान करने का जो यह कुत्सित प्रयास किया गया है, इससे प्रजातांत्रिक मूल्यों और संसदीय प्रणाली को धक्का पहुंचा है। भारत की जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी।’’

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि संसद के परिसर में सभापति की मिमिक्री (नकल उतारा जाना) की गई और कांग्रेस के एक नेता उसका वीडियो बना रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी को संवैधानिक व्यवस्थाओं में ना तो कोई रुचि है और ना ही संसदीय प्रणालियों के प्रति कोई सम्मान है।’’

सभापति के खिलाफ विपक्ष के नोटिस को नड्डा ने जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के संबंधों के मुद्दे को भटकाने का प्रयास करार दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘देश जानना चाहता है कि इस सदन की कांग्रेस की वरिष्ठम नेता का जॉर्ज सोरोस से क्या है? सोनिया (गांधी) जी का क्या संबंध है सोरोस से।’’

नड्डा ने आरोप लगाया कि भारत का अस्थिर करने के लिए सोरोस अरबों रुपये चंदे के रूप में देता है और उसकी आवाज ‘कठपुतली बनकर’ कांग्रेस पार्टी यहां उठाती है और देश को अस्थिर करती है।

नेता सदन ने सभापति के खिलाफ की गई टिप्पणियों के लिए सदन में एक निंदा प्रस्ताव लाने की भी बात की।

सभापति ने विपक्ष के नेता खरगे को भी अपनी बात रखने का अवसर दिया। इस समय सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

खरगे ने कहा कि नेता सदन ने जो बातें कही है वह मूल विषय को भटकाने का प्रयास है।

हंगामा तेज बढ़ते देख सभापति ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 32 मिनट पर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

 

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TAGS: Parliament ruckus, Winter session, George Soros, Dhankhar no confidence motion, BJP, Congress
OUTLOOK 12 December, 2024
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