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23 November 2022

आरएसएस ने हाईकोर्ट में इस आदेश की दी चुनौती, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

ANI

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एकल न्यायाधीश के हालिया आदेश को चुनौती देते हुए एक आवेदन के साथ मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिसने अकेले सभागारों और खुले मैदानों में इसके 'रूट मार्च' और जनसभाओं की अनुमति दी थी।

जी सुब्रमण्यम की पत्र पेटेंट अपील (एलपीए) में राज्य सरकार के अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को अदालत के पहले के आदेश का पालन नहीं करने के लिए दंडित करने की भी मांग की गई थी, जिसमें उन्हें दो अक्टूबर को मार्च निकालने के लिए आरएसएस को अनुमति देने का निर्देश दिया गया था।

न्यायमूर्ति जी के इलानथिरैयन ने 4 नवंबर को, अन्य बातों के अलावा, निर्धारित किया था कि मार्च और सभाओं को परिसर या स्टेडियम जैसे परिसर में आयोजित किया जाना चाहिए।

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अवमानना याचिका में जज का आदेश रिट याचिका पर पारित मूल आदेश को संशोधित करता है। अवमानना क्षेत्राधिकार में गैर-मौजूद शक्ति का प्रयोग करके रिट याचिका पर पारित आदेश के संशोधन की प्रकृति रूट मार्च की परिभाषा को ही पराजित करती है जिसकी गारंटी और स्पष्ट निर्देश द्वारा दी गई थी।

न्यायाधीश इस तथ्य को पूरी तरह से भूल चुके थे कि इसी अवधि के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर अन्य राजनीतिक दलों द्वारा प्रदर्शन और आंदोलन की अनुमति दी गई थी। आरएसएस के अधिवक्ता बी राबू मनोहर ने बताया कि आने वाले दिनों में इसी तरह की 40 से अधिक अपील दायर की जाएंगी।  

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TAGS: RSS, route March, BJP, Madras Highcourt
OUTLOOK 23 November, 2022
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