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06 November 2024

शारदा सिन्हा के बेटे को उम्मीद, मां को मरणोपरांत मिले पद्म विभूषण

‘बिहार कोकिला’ के नाम से प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान ने बृहस्पतिवार को इच्छा जताई कि उनकी दिवंगत मां को मरणोपरांत देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित करने पर विचार किया जाए।

लंबे समय से मायलोमा (एक तरह का रक्त कैंसर) से जूझ रहीं सिन्हा का मंगलवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 72 साल की थीं।

अंशुमान ने पटना के राजेंद्र नगर स्थित पारिवारिक आवास (कंकड़बाग के पास) पर संवादादाताओं से बातचीत के दौरान उम्मीद जताई कि उनकी दिवंगत मां को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित करने पर विचार किया जाएगा।

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सिन्हा का पार्थिव शरीर उनके इसी आवास में रखा गया है, जहां बड़ी संख्या में प्रशंसक और शुभचिंतक लोक गायिका के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

अंशुमान ने कहा, “उन्होंने (शारदा सिन्हा ने) बहुत कुछ किया और वह बिहार ही नहीं, बल्कि देश के बाहर भी बेहद लोकप्रिय थीं। इस संबंध में हमारी कोई शिकायत या मांग नहीं है, लेकिन हमें हमेशा लगता है कि उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा जाना चाहिए था।”

शारदा सिन्हा को पद्मश्री और पद्म भूषण से पहले ही सम्मानित किया जा चुका था।

अंशुमान ने कहा, “मेरी मां ऐसी नहीं थीं, जो मन में कभी कोई शिकायत पालें। हमारे पास जो कुछ भी है, उसमें खुश रहने की कला हमने उन्हीं से सीखी थी। लेकिन हम जानते हैं कि सरकार लोगों को मरणोपरांत भी सम्मानित कर सकती है। अगर मेरी मां को मरणोपरांत पद्म विभूषण से नवाजा जाता है, तो इससे उनके लाखों-करोड़ों प्रशंसकों को बेहद खुशी होगी।”

दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान शारदा सिन्हा के साथ रहे अंशुमान ने याद किया कि कैसे उनकी मां ने एक जानलेवा बीमारी के खिलाफ “बेहद कठिन लड़ाई लड़ी”, लेकिन अंत में वह जीत नहीं सकीं।

उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखे जाने से पहले ही उन्हें अंदाजा हो गया था कि अंत करीब है। उन्होंने मेरी बहन वंदना और मुझसे कहना शुरू कर दिया था कि चीजें बहुत कठिन होती जा रही हैं और हमें उनके बिना रहना सीख लेना चाहिए।”

शारदा सिन्हा छठ पूजा के लिए कई यादगार भक्ति गीत गाने के लिए प्रख्यात थीं। इत्तफाक से, इस साल छठ पूजा बृहस्पतिवार को है, जब ‘बिहार कोकिला’ का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

अंशुमान ने कहा, “मेरी मां ने जो आखिरी गाना रिकॉर्ड किया था, वह भोजपुरी में एक भजन है। इसमें छठी मइया से भक्तों के कष्ट दूर करने की प्रार्थना की गई है। गाने को ऑनलाइन बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। जीवन के दौरान ही नहीं, अंतिम पलों में भी उनका छठ से गहरा नाता रहा।”

 

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TAGS: Sharda Sinha, Sharda Sinha wish, Padma Vibhushan for Sharda Sinha, Bihar Kokila, Bihar
OUTLOOK 06 November, 2024
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