ट्रम्प को झटका! भारत को 5% की छूट पर मिलता रहेगा क्रूड ऑयल
मॉस्को ने भारत को रूसी कच्चे तेल पर करीब 5% छूट की पेशकश जारी रखी है, जबकि अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर कुल 50% टैरिफ लगा दिया है। रूसी उप-व्यापार प्रतिनिधि एवगेनी ग्रिवा ने नई दिल्ली में कहा कि यह छूट व्यावसायिक आधार पर तय होती है और आमतौर पर पांच प्रतिशत के आसपास रहती है। रूसी मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने भी भरोसा जताया कि राजनीतिक तनाव के बावजूद भारत-रूस ऊर्जा संबंध मजबूत बने रहेंगे।
अमेरिका का तर्क है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदकर उसे रिफाइन करता है और फिर अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्पाद बेचकर रूस को डॉलर की आपूर्ति करता है। अमेरिकी सलाहकार पीटर नावारो ने तो भारत को "ग्लोबल क्लियरिंगहाउस" तक करार दिया है। दरअसल अमेरिका ने 1 अगस्त को 25% टैरिफ लगाया था, जिसे 27 अगस्त से और 25% बढ़ाकर कुल 50% कर दिया गया। भारत ने इसे अनुचित और एकतरफा करार दिया है और कहा कि उसकी ऊर्जा सुरक्षा सर्वोपरि है।
नई दिल्ली का कहना है कि अमेरिका और यूरोपीय देश भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं लेकिन केवल भारत पर इस तरह का दबाव बनाया जा रहा है। रूस का यह कदम साफ संकेत है कि वह भारत को ऊर्जा साझेदार के रूप में बनाए रखना चाहता है। वहीं अमेरिका-भारत व्यापार तनाव अब केवल टैरिफ तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यापक रणनीतिक समीकरणों तक पहुंच गया है। यह टकराव वैश्विक राजनीति में भारत की रणनीतिक स्वायत्तता की परीक्षा भी है, जहां उसे अपनी ऊर्जा जरूरतों और कूटनीतिक संतुलन दोनों को साधना होगा।