जोधपुर में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य पाए गए मृत, 2015 में आए थे सभी; जांच जारी
राजस्थान के जोधपुर जिले में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य रविवार की सुबह खेत में मृत पाए गए हैं। इस बात की जानकारी पुलिस ने दी है।
एक अधिकारी ने कहा कि परिवार का एक सदस्य देचु इलाके के लोडता गांव में उसी झोपड़ी के बाहर जिंदा मिला जहां ये लोग रहते थे। ये इलाका जोधपुर शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर है।
पुलिस अधीक्षक राहुल बरहाट ने कहा कहा, ‘‘हमें मौत की वजह और तरीके का अभी पता नहीं चला है लेकिन ऐसा लग रहा है कि परिवार के सभी सदस्यों ने रात में कोई रसायन खाकर आत्महत्या की है।’’ उन्होंने बताया कि झोंपड़ी के आसपास किसी रसायन की बदबू आ रही थी जिससे लगता है कि इन सभी ने कुछ खाया है।
परिवार के सभी सदस्य भील समुदाय के पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी थे और गांव में खेत में रह रहे थे जिसे उन्होंने खेतीबाड़ी के लिए बटाई पर लिया था। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले ये लोग लंबे समय वाले वीजा पर 2015 में यहां आए थे और बीते छह साल से यहां रह रहे थे। पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘किसी के भी शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया हैं और न ही किसी तरह की साजिश के सबूत मिले हैं लेकिन हमने फॉरेंसिक टीम और श्वान दल को बुलाया है।’’
उन्होंने कहा, प्रारंभिक सूचना से पता चला है कि किसी मुद्दे को लेकर परिवार में विवाद था। जीवित बचे व्यक्ति से पूछताछ करने के बाद ही हम इस घटना के बारे में कुछ कहने की स्थिति में होंगे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पीड़ित लोगों के परिवार को, जीवित बचे सदस्य राम (35) की बहू के परिवार से खतरा था।
उन्होंने कहा, “कुछ विवाद की वजह से वो बीते कुछ समय से जोधपुर में अपने परिवार के साथ रह रही है।” ये खुदकुशी की संभावित वजह हो सकती है। राम के मुताबिक उन्होंने शनिवार रात नौ से 10 बजे के बीच खाना खाया और सोने चले गए।
राम ने बताया, मैं जानवरों से फसल की रखवाली के लिये चला गया और वहीं सो गया था। सुबह जब वह लौटा तो परिवार के सभी सदस्यों को मृत पाया। राम ने आगे कहा, “मैंने फिर अपने रिश्तेदार को फोन किया जो कुछ अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचा और पुलिस को सूचना दी।”
मृतकों की पहचान बुधराम (75), पत्नी अंतरा देवी, बेटे रवि (31), बेटी जिया (25) और सुमन (22), पोते मुकदस (17) और नैन (12) के अलावा लक्ष्मी (40) और राम के तीन नाबालिग बेटों के तौर पर हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिये जोधपुर भेजा गया है और मौत की वजह जानने के लिये चिकित्सा बोर्ड का गठन किया गया है।