पिथौरागढ़ में सौ साल में ऐसा बादल नहीं फटा, 12 लोगों की मौत, 25 लापता
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चमोली जिले के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार तड़के भारी बारिश होने और बादल फटने से 12 लोगों की मौत हो गयी तथा दर्जनों घर जमींदोज हो गये और मलबे में कई लोग दब गये। पिथौरागढ़ जिले के सिंघली क्षेत्र में बादल फटने से आठ लोगों की मौत हुई और 25 अन्य लापता हो गये। इलाके के लोगों का भी कहना है कि पिछले 100 साल में पहली बार क्षेत्र में इतने बडे़ पैमाने पर बादल फटने की घटना सामने आयी है। गोपेश्वर जिले के सिरोन गांव में दो व्यक्ति और सिथेल गांव में एक व्यक्ति गीली मिट्टी के साथ बह गये तथा एक अन्य की मौत भारी बारिश की चपेट में आकर हो गई। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी हरीश चंद्र सेमवाल ने कहा, हमने सिंघली क्षेत्र से पांच शव बरामद किये हैं और थल गांव से भी तीन शव मिले हैं। सेना और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की मदद से चलाये जा रहे तलाशी अभियान के जरिये अन्य शव निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बादल फटने से प्रभावित गांवों में लापता हुए लोगों की तलाश के लिये पूरे क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। सेमवाल ने कहा कि पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने से प्रभावित हुए सात गांवों में कई मकान जमींदोज हो गये। मौके पर मौजूद पिथौरागढ़ के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी आरएस राणा ने बताया कि जिले के डीडीहाट क्षेत्र के सिंघली क्षेत्र के सात गांवों से लापता हुए करीब 25 लोगों को भारत तिब्बत सीमा पुलिस आइटीबीपी, सशस्त्र सीमा बल एसएसबी और जिला पुलिस की मदद से ढूंढ़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।
आपदा प्रबंधन अधिकारी के मुताबिक, क्षेत्र के सिंघली के अलावा पटथाकोट, ओगला और थल गांव बादल फटने से प्रभावित हुए हैं जहां कई लोग मलबे में दब गये हैं। राणा ने बताया कि बचाव दल उन्हें ढूंढ़ने और बाहर निकालने में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में केवल दो घंटे के भीतर 100 मिलीमीटर बारिश होने के चलते बादल फटने से 50 वर्ग किलोमीटर के इलाके में व्यापक तबाही हुई है। इलाके के लोगों का भी कहना है कि पिछले 100 साल में पहली बार क्षेत्र में इतने बडे़ पैमाने पर बादल फटने की घटना सामने आयी है। उधर, चमोली के उपजिलाधिकारी एसके बरनवाल ने कहा कि जिले के घाट क्षेत्र में एक व्यक्ति के मरने की सूचना मिली है और एक अन्य व्यक्ति सिथेल में गीली मिट्टी के साथ बह गया। दो अन्य व्यक्ति सिरोन गांव में बह गये।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पिथौरागढ़ और चमोली जिले में गत दिवस से हो रही भारी वर्षा, भूस्खलन और बादल फटने की घटना में मृत लोगों के प्रति गहरा दुख व्यक्त किया है और उनके परिजनों को दो-दो लाख रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की है। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि यह दुखद घटना है और राज्य सरकार इस घड़ी में प्रभावितों के साथ खड़ी है। उन्होंने जिलाधिकारियों को घायलों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराने और उन्हें राहत राशि शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। रावत ने संबंधित जिलाधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के साथ ही गढ़वाल और कुमाउं, दोनों मण्डलों के आयुक्तों को निर्देश दिये हैं कि वे प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की स्वयं निगरानी करें। रावत ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन के सहयोग के लिये राज्य आपदा मोचन बल एस.डी.आर.एफ .को तत्काल रवाना किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रभावितों की सहायता के लिए हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को प्राकृतिक आपदा की घटनाओं की जानकारी मुख्य सचिव को निरंतर उपलब्ध कराने तथा नदियों के किनारे निवास करने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने को भी कहा है। गौरतलब है कि मौसम विभाग ने कल उत्तराखंड के अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ ही छिटपुट स्थानों, खास तौर पर नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की थी। मौसम केंद्र द्वारा कल शाम जारी एक विज्ञप्ति में, नैनीताल, उधमसिंह नगर, चंपावत, अल्मोडा, पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून और टिहरी जिलों में शुक्रवार सुबह से 72 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश तथा अन्य पांच जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी गयी है। मौसम विभाग की इस चेतावनी के मद्देनजर संबंधित जिला प्रशासन को मुस्तैद रहने के निर्देश जारी कर दिये गये थे।