बंगाल के बाद अब त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा, भाजपा-टीएमसी झड़प में 19 घायल, निषेधाज्ञा लागू
त्रिपुरा के खोवई जिले के तेलियामुरा में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच हुई झड़प में कम से कम 19 लोग घायल हो गए, जिसके बाद इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में निकाय चुनाव से कुछ दिन पहले हुई झड़प में घायल हुए लोगों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल थे, जिसके बाद प्रशासन को तेलियामुरा नगर परिषद के वार्ड 13, 14 और 15 में निषेधाज्ञा लागू करनी पड़ी।
गुरुवार देर रात जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "आज जारी एक आदेश में, तेलियामुरा उप मंडल मजिस्ट्रेट मोहम्मद सज्जाद पी ने शांति, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आज से तेलियामुरा नगर परिषद के 13, 14 और 15 वार्ड क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी है। यह आदेश 24 नवंबर तक लागू रहेगा।"
सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) सुब्रत चक्रवर्ती ने बताया कि कलीतिला इलाके में बुधवार की रात करीब साढ़े नौ बजे तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे और भाजपा कार्यालय के पास पहुंच गए। इसी दौरान दोनों पक्षों के समर्थक आमने-सामने आ गए, जिससे कहा-सुनी हो गई। उन्होंने कहा, "अचानक, टीएमसी कार्यकर्ताओं ने भाजपा समर्थकों पर हमला किया, जिन्होंने भी जवाबी कार्रवाई की।"
चक्रवर्ती ने कहा कि पुलिस ने दोनों समूहों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए "हल्का बल" और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। उन्होंने बताया कि झड़प में दो पुलिसकर्मियों समेत कुल 19 लोग घायल हो गये। घटना के संबंध में तेलियामुरा पुलिस स्टेशन में तीन मामले दर्ज किए गए थे। पुलिस ने कहा कि टीएमसी कार्यकर्ता अनिर्बान सरकार के पिता ने दो मामले दर्ज किए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने हत्या के प्रयास, गंभीर चोट पहुंचाने और गैरकानूनी तरीके से जमा होने के आरोप में एक अलग मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनमें से चार को एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 30 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सरकार को अदालत में पेश नहीं किया जा सका क्योंकि वह अस्पताल में है।
तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सुष्मिता देव ने आरोप लगाया कि 25 नवंबर को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के शीर्ष अदालत के निर्देशों के बावजूद उनकी पार्टी के उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। आरोपों को खारिज करते हुए, भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्यों ने कभी किसी टीएमसी कार्यकर्ता पर हमला नहीं किया क्योंकि वे राज्य में राजनीतिक विरोधी नहीं हैं।
उन्होंने कहा, "उनका यहां कोई संगठनात्मक आधार नहीं है और वे भाजपा को कोई राजनीतिक चुनौती नहीं दे रहे हैं। हम भी हिंसा की संस्कृति में विश्वास नहीं करते हैं।"
बता दें कि नगर निकाय चुनाव 25 नवंबर को होंगे। राज्य के कुल 20 नगर निकायों में से सत्तारूढ़ भाजपा ने सात निर्विरोध जीते हैं।