दिल्ली दंगा 2020: उमर खालिद की जमानत पर आज भी नहीं आया फैसला, 23 मार्च को होगी सुनवाई
दिल्ली दंगा 2020 की साजिश रचने और भड़काऊ भाषण देने के मामले में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की रिहाई का आदेश आज भी जारी नहीं किया है। उमर खालिद पर यूएपीए के तहत केस दर्ज है। कोर्ट के आदेश के अनुसार खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई 23 मार्च को दोपहर 4 बजे होगी।
दिल्ली पुलिस ने 2020 के दिल्ली दंगों के एक मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत उमर खालिद, शरजील इमाम सहित कई अन्य आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था। इसके अनुसार दिल्ली के दंगे एक सुनियोजित, गहरी साजिश का हिस्सा थे, जो आरोपी व्यक्तियों द्वारा रची गई थी।
जानकारी के अनुसार 3 मार्च को कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) अमिताभ रावत ने खालिद और अभियोजन पक्ष की ओर से पेश वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद ये दूसरी बार है जब उनकी याचिका पर फैसला नहीं सुनाया गया है।
बहस के दौरान, आरोपी ने अदालत को बताया कि अभियोजन पक्ष के पास उसके खिलाफ अपना मामला साबित करने के लिए सबूतों की कमी है। खालिद और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों के "मास्टरमाइंड" होने के मामले में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि सीएए और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे। खालिद के अलावा, कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू छात्र नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य लोगों पर मामले में कड़े कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।
खालिद की जमानत याचिका पर आदेश 14 मार्च को सुनाया जाना था। लेकिन पिछली बार इसे खालिद के लिए लिखित प्रस्तुतियां दाखिल करने के कारण इसे टाल दिया गया था। याचिका पर आज फैसला होना था, लेकिन आज सुबह अभियोजन पक्ष द्वारा लिखित नोट दाखिल करने के बाद इसे फिर से टाल दिया गया है।