झारखंड के गिरिडीह में CPRF का स्पेशल ऑपरेशन, 3 नक्सली ढेर, एक जवान भी शहीद
सोमवार की सुबह सीआरपीएफ ने झारखंड के गिरिडीह में तीन नक्सलियों को एक खास ऑपरेशन में ढेर कर दिया है। तीनों नक्सलियों के शव सीआरपीएफ ने बरामद कर लिए हैं। इन नक्सलियों के साथ ही सुरक्षाबल को एक एके-47 राइफल, तीन मैगजीन और चार पाइप बम भी मिले हैं। इस ऑपरेशन को सीआरपीएफ की सांतवीं बटालियन ने अंजाम दिया। फिलहाल, मुठभेड़ खत्म हो गया है और इलाके में सुरक्षाबल सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। सीआरपीएफ के आईजी संजय लाटकर ने इसकी पुष्टि की है।
एक एके-47 और तीन मैगजीन बरामद
सीआरपीएफ के आईजी संजय लाटकर ने बताया कि भेलवाघाटी के घरपहरी जंगल में 10 से 15 नक्सलियों की सूचना थी। सूचना के बाद सोमवार सुबह करीब चार बजे सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट अजय कुमार के नेतृत्व में जंगल में सर्च अभियान चलाया गया। इस दौरान जंगल में छिपे नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को देख फायरिंग कर दी। जवाब में सुरक्षाबलों ने फायरिंग की और तीन नक्सलियों को मार गिराया।
फिलहाल, मुठभेड़ खत्म हो गई है। मुठभेड़ खत्म होने के बाद जंगल से सीआरपीएफ ने तीन नक्सलियों के शव को बरामद किया है। साथ ही एक एके-47, तीन मैगजीन, चार पाइप बम भी बरामद किया है।
चुनावों से पहले नक्सलियों की धमकी
चुनावों से पहले नक्सलियों की धमकी यह एक स्पेशल ऑपरेशन था जिसे बेलभा घाट के जंगलों में अंजाम दिया गया था। यहां पर जवानों और नक्सलियों के बीच एनकाउंटर हुआ जिसमें एक जवान भी शहीद हो गया है। 12 अप्रैल को झारखंड के चाइबास में वेस्टर्न सिंहभूमि ने नक्सलियों ने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की तीन बिल्डिंग्स पर हमला किया था। इस हमले में तीनों बिल्डिंग्स को नक्सलियों ने ब्लास्ट से उड़ा दिया था। जिन बिल्डिंग्स को नक्सलियों ने निशाना बनाया था उनके निमार्ण में 30 लाख रुपये का खर्च आया था।
'वोट का बहिष्कार करें, पुलिस राज ध्वस्त करें, जनता का राज स्थापित करें'
नक्सलियों ने इसके बाद कुइरा फॉरेस्ट रेंज पर हमला बोला था। इस हमले में नक्सलियों ने लोकसभा चुनावों में वोट न डालने की अपील लोगों से की थी। हमले वाली जगह से सुरक्षाबलों को एक पर्चा भी बरामद हुआ था। इस नोट में लिखा था, 'वोट का बहिष्कार करें, पुलिस राज ध्वस्त करें और जनता का राज स्थापित करें।' इस नोट के अलावा कुछ जगहों पर नक्सलियों की ओर से चुनावों के विरोध में पर्चे भी चिपके हुए मिले थे। नक्सलियों की लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड में यह पहली घटना थी