हरियाणा के पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण, एक बार महिला तो दूसरी बार पुरुष होगा सरपंच
हरियाणा के पंचायती चुनावों में अब महिलाओं के लिए 50 फीसदी पद आरक्षित होंगे। विधानसभा में हरियाणा के पंचायती राज एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव लाया गया। जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। अब हरियाणा में पंचायती चुनाव में महिलाओं की 50 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी। सम-विषम संख्या के आधार पर महिला एवं पुरुष के लिए सीट आरक्षित होंगी। जिस गांव में महिला सरपंच निर्वाचित होगी, अगली योजना में उस गांव में पुरुष सरपंच होगा।
इस बिल के पास होने पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश की महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि यह बिल प्रदेश की महिलाओं में नए आत्मविश्वास का संचार करेगा और उन्हें सशक्त करेगा। चौटाला ने बताया कि भविष्य में होने वाले पंचायती राज संस्थाओं यानी जिला परिषद, ब्लॉक पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के चुनावों में यह नियम लागू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक गांव को सम-विषम संख्या के आधार पर कोड दिए जाएंगे। पहली बार में सम क्रम वाले गांवों में सरपंच महिला रहेगी और अगली बार विषय क्रम संख्या वाले गांवों में महिला सरपंच बनेगी। इस तरह हर दस वर्ष में से पांच वर्ष हरियाणा के हर गांव में महिला सरपंच होगी। आरक्षित पदों पर भी यह नियम लागू होगा और उनमें भी सम-विषम संख्या के आधार पर पद आरक्षित होंगे। यही नहीं, ग्राम पंचायत के पंचों के विषय में भी यही प्रक्रिया रखी जाएगी और 50 फीसदी पंचों के पद महिलाओं के लिए रहेंगे।
डिप्टी सीएम ने बताया कि यह व्यवस्था ग्राम पंचायतों से आगे बढक़र जिला परिषद और ब्लॉक पंचायत समिति में भी लागू होगी। जिला परिषद और ब्लॉक समिति के सदस्यों और चेयरमैन के पदों के लिए भी ऑड-ईवन का फार्मूला इस्तेमाल किया जाएगा। पंचायती राज एक्ट में इस महत्वपूर्ण बदलाव के बाद हरियाणा के पंचायती राज तंत्र में महिलाओं की 50 फीसदी भागीदारी सुनिश्चित हो जाएगी। इस व्यवस्था के लिए अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित सीटों और अन्य सीटों के लिए अलग-अलग समूह माने जाएंगे और उन समूहों में महिला आरक्षण लागू किया जाएगा।
बीसी-ए वर्ग को पंचायत चुनाव में आठ फीसदी आरक्षण
उपमुख्यमंत्री चौटाला ने बताया कि ग्राम पंचायत के चुनाव में पहली बार बीसीए वर्ग को आठ प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। डिप्टी सीएम ने बताया कि इस नियम के लागू होने से बीसीए वर्ग के लोगों को पंचायती राज संस्थाओं में और अधिक प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा।
हरियाणा विधानसभा सत्र में कुल सात विधेयक पारित किये गए, जिनमें हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2020, हरियाणा नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020, हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 हरियाणा विधि अधिकारी (विनियोजन) संशोधन विधेयक, 2020, हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020, हरियाणा लोक वित्त उत्तरदायित्व (संशोधन) विधेयक, 2020, और पंजाब भू राजस्व (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2020 शामिल हैं।