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11 June 2016

शिवराज का राज, मध्‍यप्रदेश में सात लाख बच्‍चे मजदूर, तीन लाख निरक्षर

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क्राई की शनिवार को यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में 7,00,239 बाल मजदूर थे। इनमें से करीब 60 फीसदी बच्चे सीमान्त मजदूर थे, जो साल में छह महीने से कम समय के लिए काम करते थे। शेष 2,86,310 बच्चे मुख्य मजदूर थे, जो सालाना छह महीने से ज्यादा समय तक मजदूरी करते थे।

विश्लेषण में पता चलता है कि 7 से 14 वर्ष के आयु वर्ग में एक लाख से ज्यादा मुख्य मजदूर पढ़ या लिख नहीं सकते। वहीं 1.75 लाख सीमान्त मजदूर की श्रेणी में आते हैं, जिनके लिए पढ़ना-लिखना प्राथमिकता नहीं है। क्राई की स्थानीय निदेशक सोहामोइत्राा ने कहा, मध्य प्रदेश में 35 प्रतिशत बाल मजदूर निरक्षर हैं, यानी कि हर तीन में से एक बाल मजदूर पढ़-लिख नहीं सकता। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है और अगर इसमें बदलाव नहीं होता तो वे पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली गरीबी और बेरोजगारी के चक्र में फंसकर रह जाएंगे। क्राई द्वारा किए गए जनगणना विश्लेषण के अनुसार राष्टीय स्तर पर 7 से 14 आयु वर्ग के करीब 14 लाख बाल मजदूर अपना नाम तक नहीं लिख पाते।

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TAGS: मध्‍यप्रदेश, बाल मजदूर, निरक्षर, भाजपा सरकार, शिवराज सिंह, shivrajsingh chouhan, bjp government, child labour, mp, illiterate
OUTLOOK 11 June, 2016
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