जातिवादी राजनीति को लेकर आप सवालों के घेरे में
आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के लिए दो वैश्य को टिकट दिया है जिसे लेकर पार्टी पर जातिवादी राजनीति करने के आरोप लग रहे हैं। अरविंद केजरीवाल के लिए इन सवालों का जबाव देना आसान नहीं होगा।
दिल्ली में केजरीवाल सहित सात मंत्री हैं जिनमें से पांच सवर्ण हैं। आम आदमी पार्टी की पीएसी में भी वैश्य समुदाय के तीन सदस्य हैं। इनमें केजरीवाल, आशुतोष और पंकज गुप्ता वैश्य समुदाय से हैं। अब राज्यसभा के लिए भी पार्टी के दिग्गज नेताओं को दरकिनार करके उन्होंने सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता के अलावा संजय सिंह को चुना है। ऐसे में सोशल मीडिया पर भी उनके ऊपर जातिवादी राजनीति करने के आरोप लग रहे हैं।
केजरीवाल ने अन्ना आंदोलन से अलग होकर देश में आदर्शवादी राजनीति करने की बातें कही थीं, लेकिन समय समय पर वह वह अपने समाज और जाति का जिक्र करना नहीं भूले। विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के नेहरू प्लेस में कारोबारियों की एक रैली में कहा था, 'मैं बनिया हूं और धंधा समझता हूं। मूल्य वर्धित कर विभाग द्वारा चलाये जा रहे जबरन वसूली और छापेमारी गिरोह को समाप्त किया जाएगा। उन्होंने कारोबारियों को लुभाने के लिए कई कदम उठाने का भी एलान किया। साथ ही कहा था कि अग्रवाल समुदाय इस देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।