सीएम योगी के प्रमुख सचिव पर घूसखोरी का आरोप लगाने वाला अपने बयान से पलटा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर 25 लाख रुपए की घूस मांगने का आरोप लगाने वाला अभिषेक अपने लिखित शिकायत से पलट गया है। उसने प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि हरदोई में पेट्रोल पंप लगाने के लिए एक करोड़ लोन लिए थे, जिसकी करीब एक लाख 10 हजार रुपए महीने किस्त आ रही थी। इसलिए उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई थी और उसने राज्यपाल को पत्र भेज दिया।
राज्यपाल राम नाईक के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजने के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राजीव कुमार से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की थी। मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बिन्दुओं के बारे में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि लखनऊ-हरदोई मार्ग पर हरदोई जिले के ग्राम रैसो की भूमि गाटा संख्या-184 के भूमिधर अभिषेक गुप्ता ने अपनी भूमि का विनिमय ग्राम समाज के रास्ते की भूमि गाटा संख्या-187 से करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। रास्ते की भूमि सार्वजनिक उपयोगिता की भूमि होती है। राजस्व संहिता की धारा-77(2) के परन्तुक के अनुसार लोक उपयोगिता की भूमि की श्रेणी अपवादात्मक प्रकरणों में ही परिवर्तित किए जाने का प्रावधान है। लोक उपयोगिता की भूमि की श्रेणी परिवर्तन के कारणों का उल्लेख आवश्यक है। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा- 77(3) के प्रावधान के अनुसार, ’राज्य सरकार, भूमि की श्रेणी परिवर्तित करते समय या संहिता की धारा-101 के तहत उसके विनिमय की अनुज्ञा देते समय आरक्षित किए जाने के लिए या विनिमय किए जाने के लिए प्रस्तावित भूमि की स्थिति, लोक उपयोगिता और उपयुक्तता पर विचार करेगी।‘
राजस्व संहिता की धारा-77 (2) में प्रावधान है कि राज्य सरकार संहिता की धारा-101 के तहत लोक उपयोगिता की भूमि के विनिमय की अनुज्ञा विहित रीति से दे सकेगी। इस सम्बन्ध में राजस्व अनुभाग- 3 के कार्यालय ज्ञापन संख्या-722/एक-3-16-रा-3, दिनांक 14.06.2016 के प्रस्तर-2 के अनुसार निजी उद्योगों/निजी संस्थाओं/निजी कम्पनियों, न्यासों आदि के लिए श्रेणी परिवर्तन में अन्तिम निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। मामले में अभिषेक गुप्ता की गाटा संख्या-184 का रास्ता गाटा संख्या-187 जो लखनऊ-हरदोई मार्ग पर स्थित है, से विनिमय किए जाने के प्रस्ताव का परीक्षण शासन स्तर पर किया गया। इसके बाद धारा-77(3) के अनुसार यह पाया गया कि रास्ते के रूप में दर्ज भूमि लखनऊ-हरदोई मार्ग पर स्थित है, उसका विनिमय अभिषेक गुप्ता ने अपने गाटा संख्या-184 के पिछले भाग से किया जाना प्रस्तावित किया है। इस प्रकार ग्राम समाज की रास्ते की भूमि जो राजमार्ग पर स्थित थी, उसे अपने गाटे के सड़क से पीछे की ओर दिए जाने से उसकी स्थिति, लोक उपयोगिता और उपयुक्तता नहीं रह जाएगी। इसलिए प्रस्तावित भूमि का विनिमय राजस्व संहिता की धारा-77 (3) सहपठित धारा-101 के अनुसार लोक उपयोगी एवं उपयुक्त नहीं पाया गया। इस आधार पर अभिषेक गुप्ता को विनमय की अनुमति नहीं दी गई।
मामला गंभीर होने के कारण पुलिस ने अभिषेक को शुक्रवार सुबह से लेकर शाम तक हिरासत में लेकर पूछताछ की। एसएसपी लखनऊ के अनुसार देर शाम को अभिषेक के लिखित बयान देने के बाद पुलिस ने उसे उसके नाना के सुपुर्द कर दिया। साथ ही परिवार की सुरक्षा के लिए चार पुलिस कर्मियों की तैनाती भी कर दी। हालांकि मामले में सुबह से लेकर शाम तक हुई कार्यवाही पर लोगों ने सवालिया निशान भी लगाए और विपक्ष ने सरकार पर निशाना भी साधा।