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08 July 2021

झारखंड के कांग्रेसी क्‍यों लगा रहे हैं दिल्‍ली दरबार का चक्‍कर, तेज हुई खेमेबाजी, इरफान-दीपिका के बाद डॉ अजय कुमार ने दी दस्‍तक

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झारखंड के कांग्रेसियों की दिल्‍ली दरबार में चहलकदमी तेज हो गई है। पिछले माह प्रदेश अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव सांसद धीरज साहू के साथ कांग्रेस महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल से मिले तो तुरंत बाद प्रदेश कार्यकारी अध्‍यक्ष डॉ इरफान अंसारी तीन अन्‍य विधायकों को लेकर दिल्‍ली पहुंच गये। वहां वे वेणुगोपाल और झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह से मुलाकात कर गिला-शिकवा, काम-काज के बारे में जानकारी दी।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सचिव और उत्‍तराखंड की सह प्रभारी महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह विधायक नमन विक्‍सल कोंगाड़ी और अनूप सिंह तथा जोन को-ऑर्डिनेटर पूर्व मेयर रमा खल्‍को व अन्‍य नेताओं के साथ जा धमकीं और प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह से मुलाकात की। जानकारी के अनुसार सिमडेगा, रांची और देवघर आदि के जिलाध्‍यक्ष भी दिल्‍ली पहुंचे हुए हैं। बुधवार को पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष डॉ अजय कुमार भी दिल्‍ली में कुछ अन्‍य कांग्रेसियों के साथ प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह और महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। लोकसभा चुनाव के बाद अजय कुमार कांग्रेस से बाहर चले गये थे। कुछ माह पूर्व वापसी हुई है। हालांकि वापसी के बाद अपने स्‍तर से लगातार सक्रिय हैं। सोशल मीडिया हो, आलेख हो या जमशेदपुर में होडिंग हो।

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस के भीतर एक साथ कई मोर्चे खुले हुए हैं। एक व्‍यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत प्रदेश अध्‍यक्ष सह राज्‍य के वित्‍त मंत्री रामेश्‍वर उरांव का बदलना तय माना जा रहा है। बीते कोई डेढ़ साल से वह दोहरी जिम्‍मेदारी संभाले हुए हैं। और प्रदेश अध्‍यक्ष की कुर्सी पर कई लोगों की नजर गड़ी हुई है। खुद दीपिका पांडेय सिंह, धीरज साहू, सुबोध कांत सहाय, अजय कुमार, राजेश कच्‍छप जैसे नामों की चर्चा उड़ती रहती है। पार्टी में चर्चा है कि बीस सूत्री, निगरानी समिति और बोर्ड निगमों में खाली पड़े पदों के बहाने प्रदेश नेतृत्‍व को बदलने के लिए दबाव की राजनीति चल रही है।

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हालांकि दीपिका पांडेय ने जब आरपीएन सिंह से मुलाकात की, अपनी बात रखी तो आरपीएन सिंह ने प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्‍यक्ष राजेश ठाकुर को फोन मिलाया। तल्‍ख लहजे में कहा कि एक सप्‍ताह के भीतर बीस सूत्री व निगरानी समिति का फार्मूला तय करें नहीं तो कमेटी में ही तब्‍दीली की जायेगी। दोनों समितियों के गठन के लिए छह माह पूर्व ही प्रदेश अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव के नेतृत्‍व में चार सदस्‍यीय कमेटी गठित की गई थी। जिसमें विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, प्रदेश कार्यकारी अध्‍यक्ष केशव महतो कमलेश और राजेश ठाकुर शामिल थे। हालांकि छह माह में समिति सिर्फ एक बैठक ही कर सकी है। उधर समितियों में समायोजन की उम्‍मीद पाले कार्यकर्ताओं की नाराजगी बढ़ती जा रही है। इसी पखवाड़ा बीस सूत्री और निगरानी समितियों के मसले पर प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव और विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की थी। मुख्‍यमंत्री ने कहा था कि कमेटी में झामुमो की ओर से दो सदस्‍यों को मनोनीत किया जायेगा। हालां‍कि यह मनोनयन अभी तक नहीं हो पाया है।

सूत्रों के अनुसार आरपीएन सिंह के फोन के बाद कांग्रेस ने पहल की है और इसी सप्‍ताह दोनों समितियों में नियुक्ति के फार्मूले के लिए चयन समिति की बैठक होगी। उसके बाद एक माह के भीतर नियुक्ति का काम पूरा कर लेने की योजना है। इधर कांग्रेस के कुछ विधायकों में जिसमें महिलाएं अधिक हैं में नाराजगी इस बात को लेकर है कि उनके खिलाफ मुकदमे हुए मगर प्रदेश नेतृत्‍व ने मदद नहीं की। अधिकारी विधायकों की नहीं सुन रहे इसे लेकर भी तीखी नाराजगी है। इन्‍हीं मसलों को लेकर दीपिका पांडेय सिंह ने दो दिन पहले चार महिला विधायकों को एकजुट कर बैठक की। विधायक दल नेता के सामने अपनी फरियाद रखी। उसी दौरान यह भी कह दिया कि यहां बात नहीं सुनी जायेगी तो दिल्‍ली दरबार में जायेंगे।

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OUTLOOK 08 July, 2021
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