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09 June 2018

शराबबंदी के बाद अब 'खैनी' बैन करने की तैयारी में नीतीश सरकार

File Photo

बिहार सरकार पूर्ण शराबबंदी के बाद  राज्य में नशाबंदी की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसके तहत अब नीतीश सरकार ‘खैनी’ को बैन करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर खैनी को फूड प्रोडक्ट में शामिल करने के लिए कहा है।

अगर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) खैनी को फूड प्रोडक्ट में शामिल कर लेता है, तो सरकार को स्वास्थ्य के आधार पर खैनी को बैन करने की शक्ति मिल जाएगी।

बिहार सरकार को तंबाकू नियंत्रण के लिए मदद देने वाली संस्था ने खैनी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनके द्वारा कहा गया कि राज्य सरकार खैनी को खाद्य सामग्री की श्रेणी में लाए और फिर इसे फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट-2006 के तहत प्रतिबंधित करे। इसी कानून के तहत राज्य में गुटखा और पान मसाले को प्रतिबंधित किया गया है।

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राज्य सरकार ने केंद्र से किया अनुरोध

नीतीश सरकार में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने केंद्र को इस मामले में पत्र लिखा है, जिसमें खैनी को खाद्य उत्पाद के रूप में अधिसूचित करने का अनुरोध किया गया है। केन्द्र की एजेंसी खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी (फूड सेफ्टी स्टैण्डर्ड एक्ट ऑफ इंडिया) द्वारा खाद्य उत्पाद के रूप में अधिसूचित किए जाने के बाद ही राज्य सरकार के पास स्वास्थ्य आधार पर खैनी पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति मिल जाएगी।

तो इस प्रक्रिया से आसान होगा खैनी बैन करना

सरकार के फैसले पर अपनी बात रखते हुए कुमार ने कहा कि एफएसएसएआई एक्ट के मुताबिक किसी भी खाद्य उत्पाद (फूड प्रोडक्ट) पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है, जिसमें तंबाकू और निकोटिन की मात्रा उपलब्ध हो। कुमार ने कहा कि हालांकि, एफएसएसएआई के खाद्य उत्पादों की सूची में खैनी शामिल नहीं है। इसमें एक बार शामिल हो जाने के बाद, सरकार के लिए प्रतिबंध लगाना आसान होगा।

बिहार में तंबाकू की खपत में आई कमी

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्र में कुमार ने यह भी दावा किया कि बिहार में तंबाकू की खपत में कुल मिलाकर कमी आई है। पिछले सात सालों में यह 53 प्रतिशत से कम होकर 25 प्रतिशत पर आ गया है। हालांकि, खैनी खाने वालों की संख्या अभी भी चिंताजनक है।

खैनी  मुंह के कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है

जानकारी के मुताबिक, खैनी बिहार में मुंह के कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि तंबाकू का उपयोग कैंसर, लंग्स और कार्डियोवैस्कुलर जैसी तमाम बीमारियों के लिए मुख्य कारणों में से एक है।

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TAGS: After liquor, and gutkha, now Bihar government, plans, ban on khaini
OUTLOOK 09 June, 2018
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