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10 June 2017

किसानों की कर्ज माफी पर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री का इंकार

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के बाद कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन का नया बयान सामने आया है। कृषि मंत्री का कहना है कि किसानों की कर्ज माफी की कोई बात ही नहीं बनती। जब किसानों ने कर्ज ही नहीं लिया तो कैसी कर्जमाफी। उन्होंने कहा कर्जमाफी का मतलब मेहनती किसानों को सजा देना है, इसमें पैसा ना चुकाने वाले किसानों को फायदा मिलता है।

प्रदेश में अशांति के बीच कृषि मंत्री का इस तरह का बयान राज्य सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भेल के दशहरा मैदान अनिश्चितकालीन अनशन शुरू हो गया है। इस दौरान सीएम सिर्फ नींबू पानी पीकर ही उपवास करेंगे।

अनशन के दौरान सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि जब भी ओला, पाला या कोई संकट आया मैं सीएम हाउस में नहीं बैठा, खेतों तक गया, आपके बीच गया। उन्होंने कहा कि पिछले साल प्याज की कीमत गिरी, तो मांग नहीं आयी, फिर भी हमने 6 रूपये प्रति किलो की दर से ख़रीदा। सीएम ने कहा कि आज पूरे मप्र के किसान भाइयों से कह रहा हूँ। तुअर की दाल रु 5050 प्रति क्विंटल की दर से 10 जून से खरीदेंगे।

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कृषि मंत्री के इस तरह के बयानों से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि बातचीत से दो देशों के मसले हल हो जाते हैं। यह तो मेरे और आपके बीच हल हो जाने वाली समस्या है। आइये, बेहिचक अपनी बात कहिए।


एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि उन्होंने आगे लिखा, मेरा यह उपवास किसानों की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने का प्रतीक है। यह उपवास हिंसा के विरुद्ध है। हिंसा से कोई सृजन नहीं होता है।


गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले दस दिनों से किसान आंदोलन की आग फैली हुई है। मंगलवार को मंदसौर में हुई पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई थी। आंदोलन न सिर्फ मंदसौर में ही बल्कि मध्य प्रदेश के सीहोर, फंदा और कई जगहों में फैलता चला गया।

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TAGS: मध्य प्रदेश, कृषि मंत्री, किसान, कर्ज माफी, Agriculture Minister, Madhya Pradesh, refuse, debt forgiveness, farmers
OUTLOOK 10 June, 2017
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