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21 October 2016

सपा नेताओं की बैठक में शामिल नहीं हुए अखिलेश, अलग से की मुलाकात

गूगल

पार्टी सूत्रों के मुताबिक शिवपाल ने अखिलेश से मुलाकात करके उन्हें सपा के जिला पदाधिकारियों की बैठक में व्यक्तिगत रूप से आमंत्रिात किया था, लेकिन मुख्यमंत्री के बैठक में शिरकत ना करने और पदाधिकारियों को अपने घर पर बुलाकर बातचीत करने से एक बार फिर संकेत मिले हैं कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है। बैठक में शामिल कुछ पदाधिकारियों ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि शिवपाल ने चर्चा के दौरान कई बार यह बात समझाने की कोशिश की कि आगामी चुनाव के बाद अखिलेश के दोबारा मुख्यमंत्री बनने से उन्हें कोई तकलीफ नहीं होगी और विधानसभा चुनाव में अखिलेश ही सपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे।

एक पदाधिकारी ने बताया कि शिवपाल ने सभी जिला पदाधिकारियों को चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह जुट जाने और आगामी पांच नवम्बर को लखनऊ में मनाये जाने वाले सपा के रजत जयन्ती समारोह को सफल बनाने के आदेश दिये। यह बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री ने सभी जिलाध्यक्षों को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर उनसे बात की। इस संक्षिप्त बातचीत में अखिलेश ने उन्हें आगामी तीन नवम्बर को शुरू होने वाली अपनी विकास रथयात्रा के बारे में बताया।

उन्होंने जिलाध्यक्षों से अपने-अपने क्षेत्रा में जनता के बीच जाकर काम करने के निर्देश देते हुए कहा, सब कुछ ठीक हो जाएगा। समाजवादी परिवार में जारी रार को जाहिर करने वाले एक घटनाक्रम में अखिलेश ने पिछले दिनों अपने पिता सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखकर कहा था कि वह आगामी तीन नवम्बर से अपनी विकास रथयात्रा शुरू करेंगे। ऐसे में उनके पांच नवम्बर को होने वाले सपा के रजत जयन्ती समारोह में शिरकत की सम्भावनाओं को लेकर संदेह पैदा हो गया था।

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अखिलेश और शिवपाल के बीच जारी ढकी-छुपी तनातनी को देखते हुए यह आशंका पैदा हो गयी है कि जैसे-जैसे चुनाव प्रचार परवान चढ़ेगा, यह तल्खी नये रंग दिखायेगी। सोशल मीडिया पर अखिलेश द्वारा नेशनल समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाये जाने और चुनाव आयोग से मोटरसाइकिल का चिह्न मांगे जाने की अटकलें लगातार बढ़ रही हैं।

संगठन कौशल में माहिर माने जाने वाले शिवपाल को पिछले महीने अखिलेश की जगह सपा का प्रान्तीय अध्यक्ष बनाया गया था। अखिलेश चाहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण का अधिकार उन्हें दिया जाए और वह इससे कम पर समझौता करने को तैयार नहीं है। अखिलेश को सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष पद से हटाये जाने के विरोध में पिछले महीने पार्टी राज्य मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने वाले कई युवा नेताओं को शिवपाल ने पार्टी से निकाल दिया था। निष्कासित नौजवान नेता अखिलेश के करीबी माने जाते हैं। मुख्यमंत्री इन सभी की सपा में वापसी चाहते हैं।

भाषा

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TAGS: Akhilesh Yadav, Shivpal Singh
OUTLOOK 21 October, 2016
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