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02 June 2021

अलापन विवाद: फिर से केंद्र सरकार एक्शन में, इस वजह से होगी कार्रवाई

File Photo

चक्रवाती तूफान “यास” के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल दौरे के दौरान समीक्षा बैठक की थी, जिसके बाद से लगातार केंद्र और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अगुवाई वाली ममता बनर्जी सरकार के बीच तकरार जारी है। ममता बनर्जी के तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी, जो अब मुख्य सलाहकार बनाए जा चुके हैं, अलापन बंद्योपाध्याय के काफी देरी से पहुंचे का मामला दिल्ली पहुंच गया और उनका ट्रांसफर कर दिया गया।

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लेकिन, ममता ने अपना दांव खेलते हुए अलापन बंद्योपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बनाए जाने की घोषणा कर दी। अलपन ने उसी दिन रिटायरमेंट लिया था। केंद्र ने दिल्ली में रिपोर्ट नहीं करने को लेकर मंगलवार को अलापन बंद्योपाध्याय को “कारण बताओ” नोटिस जारी किया था। अब केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी के तत्कालीन मुख्य सचिव के तबादले का बचाव करते हुए इसे “संवैधानिक” बताया है।

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समाचार एजेंसी एएनआई ने केंद्र के सूत्रों के हवाले से बताया है कि ये आदेश पूरी तरह से संवैधानिक है क्योंकि मुख्य सचिव एक अखिल भारतीय सेवा अधिकारी होते हैं। अलपन ने अपने संवैधानिक कर्तव्यों की उपेक्षा की है, वो प्रधानमंत्री के समक्ष नहीं पेश हुए और न ही पश्चिम बंगाल सरकार का कोई भी अधिकारी प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक में शामिल हुआ।

सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव की सेवानिवृत्ति से पता चलता है कि ममता बनर्जी बैकफुट पर हैं। वो इस बात को जानती हैं पूरा तथ्य मुख्य सचिव के खिलाफ हैं और उनका व्यवहार ऐसा था कि यह सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई को आमंत्रित करेगा, क्योंकि वो एक अखिल भारतीय सेवा अधिकारी हैं। और ये सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि समीक्षा बैठक निर्धारित समय के अनुसार हो। अखिल भारतीय अधिकारियों से राजनीति का हिस्सा होने की उम्मीद नहीं की जाती है।

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TAGS: Alapan Bandopadhyay, PM Meeting, Yaas, Mamata's Chief Secretary, West Bengal, अलापन बंद्योपाध्याय
OUTLOOK 02 June, 2021
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