सभी दोषियों को उम्र कैद दी जानी चाहिए थी: जकिया
दूसरी ओर, जकिया के पुत्र तनवी जाफरी ने कहा कि दोषसिद्धि से कुछ हद तक ऐसा लग सकता है कि मामले का समाधान हो गया है लेकिन यह देखना होगा कि कुछ आरोपियों को दोषी क्यों नहीं ठहराया गया।
उन्होंने कहा कुछ लोगों को बरी किए जाने को हम उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी जकिया ने फैसले पर अपना असंतोष खुल कर जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने वह हिंसक अपराध देखा था और उन्हें लगता है कि सभी आरोपियों को उम्र कैद की सजा दी जानी चाहिए थी।
तनवी ने कहा कि देश भर में यह संदेश जाना चाहिए कि कानून ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा हम सभी जानते हैं कि पीडि़तों के साथ जो हुआ उसमें सर्वाधिक निर्मम घटनाओं में से एक नरसंहार था। देश भर में यह संदेश जाना चाहिए कि यह देश, कानून व्यवस्था ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं करेगी। तनवी को यह भी लगता है कि नरोडा पटिया की घटना की तरह ही गुलबर्ग मामले में भी षड्यंत्र संबंधी पहलू के पक्ष में पुख्ता प्रमाण हैं।
एसआईटी के पूर्व प्रमुख आर.के. राघवन ने फैसले का स्वागत किया है। इस मामले की जांच उन्होंने की थी। बहरहाल उन्होंने कहा कि उन्होंने आदेश की प्रति अभी देखी नहीं है।