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07 September 2018

राफेल सौदे को लेकर लगाए जा रहे आरोप वास्तविकता से परे: वायुसेना उप- प्रमुख

File Photo

भारत और फ्रांस के बीच राफेल सौदे में गड़बड़ी को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को वायुसेना उप-प्रमुख एयर मार्शल रघुनाथ नाम्बियार ने वास्तविकता से परे बताया है। उन्होंने कहा कि आरोप वास्तविकता से मेल नहीं खाते हैं। 

नाम्बियार ने राजधानी दिल्ली स्थित सुब्रतो पार्क में आयोजित 8वें हेली पॉवर इंडिया- अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए ये बात कही। उनसे फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की आपूर्ति के लिए किए गए 58,000 करोड़ रुपये के सौदे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को लेकर सवाल पूछा गया था। 

कांग्रेस ने इस सौदे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर लगाए हैं आरोप

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कांग्रेस ने इस सौदे को लेकर सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। एक आरोप विमानों की खरीद महंगे दाम पर करने का है। सरकार ने हालांकि, इन आरोपों को खारिज किया है, लेकिन विमान का दाम नहीं बताया। सरकार का कहना है कि 2008 में भारत- फ्रांस के बीच हुये समझौते के तहत विमान का दाम नहीं बताया जा सकता है।

जानें राहुल ने केंद्र सरकार पर क्या लगाए आरोप

राहुल गांधी का आरोप है कि राफेल लड़ाकू विमान का दाम कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार में 540 करोड़ रुपये प्रति विमान तय हुआ था लेकिन भाजपा नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार में यह जादुई तरीके से बढ़कर 1,600 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। 

'इस सौदे को लेकर जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं वो मेल नहीं खाते'

नाम्बियार ने कहा, ‘जो ये आंकड़े होने का दावा कर रहे हैं, मेरा मानना है कि उन्हें गलत जानकारी दी गई है और संभवत: उन्हें उन तथ्यों के बारे में पता नहीं है जो कि भारतीय वायु सेना में हमारे पास है।’ उन्होंने कहा, ‘हम फ्रांस सरकार के साथ बातचीत का हिस्सा रहे हैं। हमारे पास इसके बारे में पूरी जानकारी है। मुझे नहीं लगता है कि जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं वह सच्चा‍ई के साथ मेल खाते हैं।’ 

'विमान खरीद की कुल लागत इन दो बातों पर आधारित है'

नाम्बियार ने कहा, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि जिस राफेल विमान को लेकर हमने सौदा किया है उसका दाम वर्ष 2008 की बातचीत के मुकाबले काफी कम है।’ उन्होंने कहा कि विमान खरीद की कुल लागत दो बातों पर आधारित है- पहला उसका कुल मूल्य और दूसरा भुगतान की शर्त।

आरोपों के सवाल पर ये बोले वायुसेना के उप-प्रमुख

लड़ाकू विमान सौदे में आफसेट अनुबंध को लेकर लगाए जा रहे आरोपों के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘रिकॉर्ड में जो तथ्य हैं, उनसे स्पष्ट संकेत मिलता है कि आरोपों में कोई सच्चा‍ई नहीं है।’ भारत सरकार ने फ्रांस सरकार के साथ सितंबर 2016 में अंतर- सरकारी स्तर पर 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया था। इसकी डिलीवरी सितंबर 2019 से मिलनी शुरू हो जाएगी।

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TAGS: Allegations, Rafale deal, don't match, with facts, IAF deputy chief
OUTLOOK 07 September, 2018
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