बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू, विदेशी भी नहीं मिलेगी
इस फैसले के बाद अब राज्य में अंग्रेजी शराब पर भी प्रतिबंध लग गया है। इससे पहले 1 अप्रैल से राज्य में देशी शराब पर प्रतिबंध लागू हुआ था। आज के कैबिनेट के फैसले के तहत अब बिहार में होटलों और बार में भी शराब नहीं परोसी जाएगी। पूर्ण शराबबंदी के बाद अब बिहार भी गुजरात, नागालैंड व मिजोरम की तरह से पूरी तरह से ड्राय स्टेट हो गया। इस फैसले पर अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, हम शराबबंदी के लिए माहौल बनने का इंतजार कर रहे थे। चार दिन में ही राज्य में शराब के खिलाफ बने अच्छे माहौल के बाद हमने यह निर्णय लिया है। उन्होंने महिलाओं को धन्यवाद दिया और उनके प्रयासों की तारीफ की।
मुख्यमंत्री कुमार ने बताया, बिहार में हमने नई शराब नीति बनाई है। इस फैसले के माध्यम से बिहार में सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी जा चुकी है। लोगों ने हमारे फैसले का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नगर निगम हो या नगर परिषद कहीं भी बिवरेजेज कॉरपोरेशन की ओर से खुलने वाली दुकानें अब नहीं खोली जाएंगी। पहले से जो दुकानें खुली थीं उन्हें भी बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, किसी होटल, बार या रेस्तरां में भी शराब नहीं बिकेगी और किसी को इसका लाइसेंस जारी नहीं होगा। पूरे राज्य में शराब की थोक और खुदरा बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। कुमार ने बताया कि राज्य में सिर्फ मिलिट्री कैंटीन में ही शराब की बिक्री की अनुमति होगी। शिकायत के लिए कंट्रोल रूम बनाकर टॉल फ्री नंबर जारी की गई है। सरकार ने बताया कि हर जिले में डी ऐडिक्शन सेंटर खोला जाएगा इसके लिए राज्य के डॉक्टरों को दिल्ली के एम्स में प्रशिक्षण दिलवाया गया है।
जागरुकता फैला रही है सरकार
राज्य में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है। इसके तहत लोगों में शराब से दूर रहने और शराब न पीने के लिए जागरुकता फैलाई जा रही है। सरकार ने बताया कि लोगों में शराब के खिलाफ जागरुकता फैलाने के स्वयंसेवी समूहों और महिलाओं की मदद ली जाएगी। सरकार की ओर से बताया गया कि इस दिशा में स्कूली छात्रों के अभिभावकों से शराब नहीं पीने का संकल्प दिलवाया जा रहा है। सरकार के अनुसार अब तक 1 करोड़ से ज्यादा अभिभावकों ने इस आशय का शपथ पत्र दिया है। शराबबंदी के प्रचार-प्रसार पर भी राज्य सरकार ध्यान दे रही है। 8 हजार से ज्यादा नुक्कड़ नाटक करके जागरूकता अभियान चलाया गया है। वहीं अब तक राज्य भर में सात लाख से ज्यादा दीवारों पर जागरूकता नारे लिखे गए हैं।
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उल्लंघन पर कड़ी सजा
शराबबंदी को पूरी तरह सफल बनाने के लिए उत्पाद संशोधन विधेयक में सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें जहरीली शराब बनाने वाले को मृत्युदंड जबकि शराब पीकर कोई विकलांग हुआ तो बनाने वाले को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। विधेयक में शराब पीकर घर में हंगामा करने वाले को 10 साल की सजा और सार्वजनिक जगहों पर हंगामा करने पर कम से कम 5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं अवैध तरीके से शराब पिलाने पर न्यूनतम 8 साल की सजा जबकि बच्चों को शराब पिलाने पर न्यूनतम 7 साल की सजा दी जाएगी। विधेयक में अवैध शराब का कारोबार करने वालों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया गया है। वहींं जहरीली शराब से मौत होने पर परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।