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20 October 2018

अमृतसर रेल हादसा: भीड़ ने गेटमैन को पीटा, क्रॉसिंग केबिन में भी की तोड़-फोड़

ANI

पंजाब के अमृतसर में दशहरा समारोह के दौरान हुए हादसे को लेकर इलाके में विरोध हो रहा है। शनिवार दोपहर गुस्साए लोगों ने शिवाला फाटक के गेटमैन निर्मल सिंह की पिटाई की और उसे रेलवे के केबिन (एस-26-ई3) से नीचे फेंक दिया। उनके सिर में गंभीर चोटें आई हैं। साथ ही रेलवे क्रॉसिंग केबिन में भी तोड़-फोड़ की गई। उधर, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह घटना के बाद अस्पताल में घायलों का हाल जानने पहुंचे। 

इस बीच रावण दहन का आयोजन करने वाली दशहरा कमेटी ने पुलिस की मंजूरी वाला पत्र मीडिया को सौंपा। कमेटी का कहना है कि उसने कार्यक्रम में सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पुलिस को पत्र लिखा था। जवाब में सब इंस्पेक्टर दलजीत सिंह ने लिखा था कि पुलिस को इस आयोजन से आपत्ति नहीं है।

70 लोगों की हुई मौत

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यह हादसा शुक्रवार शाम अमृतसर के जोड़ा बाजार में हुआ था। रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोग दो ट्रेनों की चपेट में आ गए थे। हादसे में 70 लोगों की मौत हुई है।

4 हफ्ते में आएगी जांच रिपोर्ट

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘‘सारे पंजाब और हिंदुस्तान की सहानुभुति आज मरने वालों के परिवारों के साथ है। चंडीगढ़ फ्लैग आज आधा झुका रहेगा। इस मामले में जांच जरूरी है। इसलिए हम कमिश्नर के नेतृत्व में मजिस्ट्रेट इंक्वायरी बैठा रहे हैं। जांच रिपोर्ट चार हफ्ते में मांगी गई है। केंद्र सरकार और रेलवे के अलावा हमारी अपनी जांच भी जारी रहेगी।’’ इससे पहले रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, ‘‘हादसे में रेलवे की चूक नहीं है। रेलवे प्रशासन को इस तरह के आयोजन के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई थी।’’ 

घटना पर सियासत न करें: सिद्धू

पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर हादसे को कुदरत का प्रकोप बताया था। सिद्धू के बयान को जब पत्रकारों ने आपत्तिजनक बताया तो अमरिंदर ने कहा, ‘‘इस घटना से सब दुखी हैं। उनका कहने का अर्थ कुछ और था। यह समय किसी पर आरोप लगाने का नहीं, सबको साथ आकर इससे निपटने की जरूरत है।’’

हादसे की जगह पर मोड़ था, ड्राइवर की चूक नहीं: मनोज सिन्हा

रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, ‘‘यह हादसा टाला जा सकता था, क्योंकि रेलवे ट्रैक के करीब इस तरह के आयोजन नहीं होने चाहिए। रेलवे फाटक से कुछ ही दूरी पर यह आयोजन हो रहा था। ट्रैक ऊंचाई पर था, इसलिए लोग वहां चढ़कर रावण दहन देख रहे थे। रावण दहन होते ही पटाखों की आवाज आई। तभी भगदड़ मची और लोग ट्रेनों की आवाज नहीं सुन पाए। ड्राइवर को पहले से निर्देश होते हैं कि कहां हॉर्न बजाना है, कहां पर रफ्तार कम करनी है। हादसे के वक्त शाम का समय था। लगभग 7 बज चुके थे। जहां हादसा हुआ, वहां एक मोड़ है। ड्राइवर कैसे देख पाता कि आगे क्या हो रहा है?’’

सिन्हा से रावण दहन के कार्यक्रम में कांग्रेस नेता नवजोत कौर की मौजूदगी और हादसे के तुरंत बाद उनके वहां से चले जाने के आरोपों के बारे में भी पूछा गया। उन्होंने कहा कि मैं इस तरह के संवेदनशील मसलों पर राजनीति से जुड़े प्रश्न नहीं खड़े करना चाहता। स्थानीय लोग जानते हैं कि तथ्य क्या है।

मैदान में तो कुर्सियां खाली पड़ी थीं: नवजोत कौर

कार्यक्रम के दौरान पुतला गिरने के डर से भगदड़ मचने के सवाल पर नवजोत कौर ने कहा, ‘‘धोबी घाट मैदान पर कुर्सियां खाली पड़ी थीं। रावण मजबूती से बांधा गया था। उसके गिरने की कोई गुंजाइश नहीं थी। कोई भगदड़ नहीं मची। 4-5 बार अनाउंसमेंट करके लोगों से धोबी घाट मैदान में आ जाने के लिए कहा गया था।’’

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TAGS: Amritsar raliway incident, crowd, gateman, nirmal singh, vandalised crossing cabin
OUTLOOK 20 October, 2018
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