दिल्ली: डेंगू से एक और बच्चे की मौत, अस्पताल पर आरोप
अमन के पिता मनोज शर्मा के अनुसार उनके बच्चे के डेंगू से पीडि़त होने का पता श्रीनिवासपुरी के एक निजी अस्पताल में चला था और उसे नौ सितंबर को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था। उन्होंने कहा, सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि हमारे बच्चे को डेंगू नहीं है और इसलिए उसे भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं है। उस समय हमारे बेटे की हालत भी थोड़ी स्थिर थी इसलिए हम उसे घर ले जाए। लेकिन शुक्रवार को उसकी हालत खराब हो गई और उसे महारानी बाग स्थित जीवन अस्पताल ले गए जहां वह शनिवार रात तक भर्ती रहा। देर रात करीब ढाई बजे चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे की हालत नाजुक है और उनके पास इस प्रकार के मामलों से निपटने के लिए उनके पास आवश्यक मेडिकल उपकरण नहीं हैं और उसे किसी बड़े अस्पताल में ले जाना चाहिए। इसके बाद उसे मैक्स साकेत, मूलचंद और बत्रा में भर्ती कराने की कोशिश की लेकिन अस्पतालों ने बिस्तर उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर इन्कार कर दिया। इसके बाद वह बच्चे को सफदरजंग ले गए जहां वह तीन घंटे भर्ती रहा।
बच्चे की हालत बिगड़ते देखकर परिवार उसे ओखला स्थित होली फैमिली अस्पताल ले गया जहां जांच करने के बाद उसे डेंगू से पीडि़त पाया गया और उसकी गत रविवार शाम को मौत हो गई। बच्चे के पिता ने कहा, हमारी शिकायत सफदरजंग अस्पताल के खिलाफ है क्योंकि उसके कारण हमारा बच्चा करीब 24 घंटे बिना इलाज के रहा। वहां चिकित्सकों ने हमें बताया कि हमारे बेटे को डेंगू नहीं है जबकि हम उस निजी अस्पताल की रिपोर्ट लेकर गए थे जिसने बताया था कि उसे डेंगू है। इस मौत के बाद दिल्ली में डेंगू से मरने वालों की संख्या 10 हो गई है। हालांकि, नगर निगम के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मृतक संख्या अब भी पांच है।
उधर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, सात वर्षीय अविनाश राउत की मौत के मामले की पड़ताल के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। इलाके के जिलाधिकारी को पांचों अस्पतालों से सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने को कहा गया है ताकि घटना की सच्चाई का पता लगाया जा सके। जैन ने कहा कि इस संबंध में डीएम को जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। दिल्ली सरकार ने शनिवार को पांच अस्पतालों - मूलचंद, मैक्स साकेत, साकेत सिटी अस्पताल, आकाश अस्पताल और आइरेन अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया और पूछा कि बच्चे को कथित रूप से भर्ती नहीं करने को लेकर आखिर क्यों उनका पंजीकरण रद्द नहीं किया जाए। गौरतलब है कि बच्चे की मौत के बाद उसके माता-पिता ने आठ सितंबर को दक्षिण दिल्ली के लाडो सराय इलाके में एक चार मंजिला इमारत से कूदकर खुदकुशी कर ली थी।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से 28 अगस्त को जारी परामर्श के मुताबिक, कोई भी अस्पताल चाहे वह निजी हो या सरकारी, डेंगू पीड़ित मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों को अपने परिसर में फीवर क्लीनिक खोलने का आदेश दिया था। कल जारी किए गए ताजा आंकड़े के मुताबिक, पिछले एक सप्ताह के दौरान 613 डेंगू के मामले दर्ज किए गए और 12 सितंबर तक कुल 1,872 मरीजों के इस मच्छर जनित बीमारी से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है।