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06 September 2025

नक्सल विरोधी अभियान: छत्तीसगढ़ में 30 नए अड्डे खोले जाएंगे; बलों की कार्रवाई तेज होगी

सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ में 30 से ज़्यादा नए अग्रिम अड्डे बनाएंगे और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) व उसकी कोबरा बटालियन की विशेष इकाइयां अंदरूनी इलाकों में और आगे बढ़कर बड़े माओवादी नेताओं को निशाना बनाएंगी।

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि यह मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को समाप्त करने की समय सीमा को पूरा करने के लिए तैयार की गई नई योजना का हिस्सा है।

राज्य की राजधानी रायपुर में शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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नक्सल विरोधी अभियानों पर हुई बैठक में सुरक्षा बलों की तैनाती और नई यूनिट के लिए उनकी जरूरतों की समीक्षा की गई, जो आगे भी अंदरूनी इलाकों में जाएंगी।

सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मानसून की बारिश खत्म होने के बाद बस्तर क्षेत्र के दूरस्थ इलाकों में 30 से अधिक नए अग्रिम ऑपरेशन बेस (एफओबी) खोलने का फैसला किया गया है ताकि आक्रामक अभियान को और तेज़ किया जा सके।

उन्होंने बताया कि इस कार्य का अधिकांश हिस्सा सीआरपीएफ की इकाइयों द्वारा किया जाएगा, जबकि इसकी विशेष जंगल युद्ध बटालियन ‘कोबरा’ राज्य के मुख्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाएगी।

सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के अनुसार, यह बैठक मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को समाप्त करने की केंद्र सरकार की घोषित समय सीमा को ध्यान में रखते हुए, अभियानों की प्रगति की समीक्षा करने और नए अभियानों की योजना बनाने के लिए आयोजित की गई थी।

छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र अब भी नक्सलियों का अंतिम गढ़ बना हुआ है, जहां कुछ नक्सली उपस्थिति और हिंसक गतिविधियां हो रही हैं।

सूत्रों ने बताया कि कोबरा और छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) जैसे बलों को माओवादियों के शेष नेतृत्व को निशाना बनाने का निर्देश दिया गया है।

एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कई नक्सलियों को ढोर करने के साथ परिणाम पहले ही प्राप्त हो चुके हैं, और "यदि अभियान की वर्तमान गति अच्छी रही, तो संभावना है कि देश से नक्सलवाद को समाप्त करने की समय सीमा दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 तक पूरी हो सकती है।"

सूत्रों ने बताया कि हाल में झारखंड और अन्य राज्यों से सीआरपीएफ की ओर से कुछ नई यूनिट को भेजा गया जिनकी भी तैनाती मौजूदा एफओबी में की गई है और नवीनतम बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार वे आगे भी काम करेंगी।

सीआरपीएफ और अन्य बलों ने पिछले कुछ वर्षों में राज्य में लगभग 50 एफओबी बनाए हैं। ये अड्डे सुदूर नक्सली इलाकों में सुरक्षा बलों के अभियानों में मदद के लिए बनाए गए हैं।

सीआरपीएफ के महानिदेशक सिंह और छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने शनिवार को जगदलपुर में इस विषय पर एक अलग बैठक भी की।

सीआरपीएफ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "चर्चा का केंद्रबिंदु सुरक्षा बलों, खुफिया एजेंसियों और प्रशासन के बीच तालमेल बढ़ाना था ताकि शांति प्रयासों को मजबूत किया जा सके और राज्य से नक्सलवाद का उन्मूलन किया जा सके।"

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TAGS: Anti-Naxal operation, 30 new bases, Chhattisgarh, action of forces
OUTLOOK 06 September, 2025
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