उत्तर प्रदेश में फिर से मिल सकेगी अग्रिम जमानत, घटेगा न्यायालयों में बोझ
उत्तर प्रदेश सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में वर्षों से बंद अग्रिम जमानत के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। अब दंड प्रक्रिया संहिता में अग्रिम जमानत की व्यवस्था को कुछ शर्तों के साथ प्रदेश में फिर से लागू करने के लिए एक विधेयक विधानमंडल के इसी सत्र में लाया जाएगा। सरकार के इस फैसले से न्यायालयों पर मुकदमों के निस्तारित करने का दबाव कम होगा। साथ ही फर्जी मुकदमे में किसी के फंसने पर जेल जाने से निजात मिलेगी।
सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट निर्णय के बारे में बताया कि प्रस्तावित विधेयक में अग्रिम जमानत देने का अधिकार सेशन कोर्ट को भी होगा। पहले प्रदेश में हाईकोर्ट अग्रिम जमानत याचिकाएं सुनता था। इसके बाद 1976 में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-438 में दी गई अग्रिम जमानत की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि अग्रिम जमानत ऐसे अपराधों के लिए नहीं मिलेगी, जिनमें अधिकतम सजा मृत्युदंड है। अग्रिम जमानत के प्रावधानों में केंद्रीय प्रारूप की शर्तें शामिल होंगी। यही नहीं प्रस्तावित विधेयक में अग्रिम जमानत की सुनवाई के समय उपस्थित रहना आवश्यक नहीं है। वहीं, न्यायालय अग्रिम जमानत के लिए विचार करते समय अभियोग की प्रकृति और गंभीरता, आवदेक का पूर्णवृत्त, न्याय से भागने की संभाव्यता और उसे अपमानित करने के उद्देश्य से लगाए गए अभियोग आदि बिंदुओं पर विचार कर सकती है।
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को दी गई श्रद्धांजलि
कैबिनेट बैठक में सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक प्रस्ताव पढ़ा और कैबिनेट ने दो मिनट का मौन रखा। कैबिनेट में नौ प्रस्तावों पर मुहर लगे। बैठक में अनुपूरक बजट का प्रस्ताव पास किया गया। इसके अलावा औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 के तहत निवेशकों को विशेष सुविधाओं एवं रियायतों से संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगी। प्रसंस्कृत तेल निर्यात प्रोत्साहन नीति पांच साल के लिए लागू की गई। इसमें निर्यातकों को निर्यात कर में छूट दी जाएगी।
तीन वर्षों के लिए मंडी शुल्क समाधान योजना लागू
कैबिनेट ने भारत सरकार के एथनॉल प्रमोशन के तहत यूपी में एथेनॉल को सी ग्रेड से बी ग्रेड किए जाने पर मुहर लगा दी है। अब यूपी की चीनी मिलें बी ग्रेड एथेनॉल निर्माण कर सकेंगीं। वहीं, गुड़ और खांडसारी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने तीन वर्षों के लिए मंडी शुल्क समाधान योजना लागू करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है।