विकास दुबे की गिरफ्तारी या सरेंडर, बयान से उठे सवाल?
कानपुर एनकाउंटर मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे गुरुवार की सुबह मध्य प्रदेश की महाकाल नगरी उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया। विकास दुबे एक बार फिर से उस वक्त सुर्खियों में आया जब उसे पकड़ने गई कानपुर पुलिस की एक टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई, जिसमें एक डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। जिसके बाद पांच राज्यों की पुलिस उसे पकड़ने में जुट गई और अंतत: वह उज्जैन से पकड़ा गया। लेकिन कुछ तथ्य और आलाकमानों के बयान को लेकर ये सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि विकास दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार किया या उसने खुद सरेंडर किया?
विकास दुबे ने मंदिर परिसर में चिल्लाकर बताई अपनी पहचान
विकास दुबे को उस वक्त गिरफ्तार किया जाता है जिस वक्त वह महाकाल का दर्शन करने के लिए मंदिर में जा रहा था। उज्जैन के जिला अधिकारी आशीष सिंह ने अपने बयान में कहा है, “विकास दुबे महाकाल का दर्शन करने मंदिर में जा रहा था। उसी समय सुरक्षाकर्मियों ने उसको पहचाना और कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद विकास दुबे वहां पर चिल्ला-चिल्लाकर कहने लगा कि मैं ही विकास दुबे हूं। इसके बाद पुलिस की टीम ने उसको पकड़ा और कंट्रोल रूम में लेकर गई।“ तो सवाल उठता है कि आखिर विकास दुबे ने मंदिर परिसर में चिल्ला-चिल्लाकर लोगों को अपनी पहचान क्यों बताई? क्या उसे डर था कि अपने अन्य साथियों की तरह पुलिस उसका भी एनकाउंटर कर देगी? क्योंकि, बीते 24 घंटों में उसके तीन करीबियों को ढेर कर दिया गया है।
उज्जैन महाकाल मंदिर को ही क्यों चुना?
विकास दुबे को एमपी पुलिस ने उज्जैन महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया। इसके मद्देनजर एक सवाल यह भी उठता है कि एक मोस्ट वांटेड अपराधी भीड़-भाड़ वाले मंदिर परिसर को क्यों चुनेगा। शायद ऐसा हो सकता है कि मंदिर के आस-पास गोली-बारी नहीं होने की संभावना को देखते हुए उसने इस जगह को चुना हो। इसलिए इतनी भीड़-भाड़ वाली जगह से विकास दुबे की गिरफ्तारी होना सवालों के घेरे में है। जिस वक्त उसे गिरफ्तार किया गया, उस वक्त न तो उसने भागने की कोशिश की और न हीं किसी भी तरह की जोर-जबर्दस्ती। तो क्या उसने मारे जाने के डर से सरेंडर किया?
पब्लिक में क्यों चिल्लाया, मैं विकास दुबे कानपुर वाला
पुलिस के मुताबिक जब उसकी गिरफ्तारी हुई तो पब्लिक में चिल्लाते हुए उसने अपनी पहचान बताई। इतना ही नहीं उसने स्पष्ट तौर पर चिल्लाते हुए कहा कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला,पुलिस ने मुझे पकड़ लिया है। पब्लिक में उसके चिल्लाने के क्या मायने हो सकते हैं। हो सकता है कि उसे डर हो कि रास्ते में उसका एनकाउंटर हो सकता है।
क्या दुबे की जान को खतरा? राजनीतिक दलों ने भी पूछे, गिरफ्तारी या सरेंडर
एक तरफ विकास दुबे की गिरफ्तारी पर मध्य प्रदेश पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और दोनों राज्यों की सरकार खुद की पीठ थपथपाने में लगी है। वहीं, दुबे की गिरफ्तारी की बात पर राजनीतिक दलों ने सवाल उठाए हैं। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार से पूछा है कि वो इस बात को स्पष्ट करें कि विकास दुबे की गिरफ्तारी हुई है या उसने खुद सरेंडर किया है। इस पर कांग्रेस ने भी योगी सरकार से सवाल पूछा है कि क्या विकास दुबे को सुरक्षित प्रदेश लाया जाएगा।