असम में बाढ़ का कहर - दो और लोगों की मौत, लगभग 9.30 लाख प्रभावित
असम में बाढ़ की स्थिति रविवार को और बिगड़ गई जिसमें 23 जिलों के लगभग 9.30 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार दो लोगों की और मौत हो गई है।
एएसडीएमए की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ के कारण एक व्यक्ति की मौत धेमाजी जिले के जोनाई राजस्व सर्कल में और दूसरे की उदलगुरी जिले के उदलगुरी राजस्व सर्कल में हुई। दो और मौतों के साथ, इस साल बाढ़ के कारण राज्य में होने वाली जानलेवा घटनाएं 18 हो गई हैं।
एएसडीएमए के अनुसार राज्य में बाढ़ से 9.30 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ का सबसे ज्यादा प्रभावित धेमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, उदलगुरी, ड्राइंग, नालबारी, बारपेटा, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सलमारा, गोलपारा, कामरूप, मोरीगांव, होजई, नागांव, नागालोन, नौगांवा, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले हैं। बारपेटा जिला लगभग 1.35 लाख लोगों के साथ सबसे अधिक प्रभावित जिले के रूप में उभरा है, जिसके बाद धेमाजी लगभग एक लाख लोग और नलबाड़ी 96,000 से अधिक लोग इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं। बुलेटिन ने कहा कि एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, नागरिक सुरक्षा और अंतर्देशीय जल परिवहन विभागों ने पांच जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान 9,303 लोगों को निकाला है।
2,071 गांव में बाढ़ से करीब 68,806.73 हेक्टेयर फसलें खराब हुई हैं
शनिवार तक, 21 जिलों में जलप्रलय के कारण 4.6 लाख से अधिक व्यक्ति प्रभावित हुए थे। एएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में 2,071 गांव पानी के अंदर हैं और 68,806.73 हेक्टेयर फसलें खराब हुई हैं। राज्य के एक अधिकारी के अनुसार 12 जिलों में 193 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहे हैं, जहां 27,308 लोगों ने शरण ली है। अधिकारियों ने बताया कि 1,206.32 क्विंटल चावल, दाल और नमक तथा 2,195.92 लीटर सरसों के तेल के साथ-साथ अन्य राहत सामग्री जैसे तिरपाल, बेबी फूड, स्नैक्स, मोमबत्ती, माचिस, पेयजल, दूध, बिस्किट आदि का वितरण किया गया है।
ब्रह्मपुत्र नदी गुवाहाटी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है
ब्रह्मपुत्र नदी गुवाहाटी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिनसे जोरहाट में निमातिघाट, सोनितपुर में तेजपुर, गोलपारा में गोलपारा शहर और धुबरी जिलों में धुबरी शहर को खतरा है। एएसडीएमए के अनुसार काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के कारण 183 में से कुल 92 शिविर भी प्रभावित हैं। बाढ़ ने राज्य भर में 15,27,832 घरेलू पशुओं और मुर्गियों को प्रभावित किया है।
पीटीआई न्यूज एजेंसी