अतीक कुछ राज खोलने वाला था, इसलिए विपक्ष ने करवा दी उसकी हत्या: यूपी के मंत्री धर्मपाल सिंह
उत्तर प्रदेश के मंत्री धर्मपाल सिंह ने शनिवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को इस डर से मरवा दिया कि दोनों उनके राज खोल देंगे।
अतीक अहमद (60) और उनके भाई अशरफ को 15 अप्रैल की रात को मीडिया से बातचीत के दौरान पत्रकारों के रूप में प्रस्तुत करने वाले तीन लोगों ने बेहद करीब से गोली मार दी थी, जब पुलिसकर्मी उन्हें जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थे।
इस साल की शुरुआत में उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की हत्या के सिलसिले में पूछताछ के लिए उन्हें गुजरात और बरेली की जेलों से प्रयागराज लाया गया था।
चंदौसी निकाय चुनाव के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे राज्य के पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री सिंह ने कहा, "सच्चाई यह है कि अतीक की हत्या में विपक्ष शामिल है। कुछ गंभीर राज खुलने वाले थे, इसलिए विपक्ष ने उसकी हत्या करवा दी।"
अतीक के तीनों हमलावरों ने अपराध करने के लिए खुद को मीडियाकर्मी बताया था। घटना के बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है।
तेजतर्रार वरिष्ठ मंत्रियों में गिने जाने वाले बीजेपी के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि पूर्व सरकारों में माफिया अतीक के आतंक का इतना खौफ था कि पुलिस के अधिकारी अपनी कुर्सी छोड़कर खड़े हो जाते थे। अदालतों में जज, माफिया अतीक के मामलों पर सुनवाई से इंकार कर देते थे, लेकिन योगी सरकार ने अतीक को ठीक करने का काम किया है।