झारखंडः हमले पर बोले सीएम- घात लगाकर बैठे थे लोग, रांची के डीसी, एसएसपी को नोटिस, उच्चस्तरीय समिति करेगी जांच
सोमवार की शाम सचिवालय से आवास लौटते समय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर प्रदर्शनकारियों के हमले को लेकर सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है और सुरक्षा में चूक को लेकर रांची के उपायुक्त ( डीसी) और एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं सरकार ने घटना की गहराई से जांच के लिए दो सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने का निर्णय किया है। खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कुछ लोग घात लगाकर मेरे इंतजार में बैठे थे, जब उनका प्रयास सफल नहीं हुए तो उपद्रव में लग गये।
घटना की जांच के लिए गठित कमेटी में एक भारतीय प्रशासनिक सेवा और एक भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रखे गये हैं। समिति को काफिले पर हुए हमले की पूरी जांच कर विस्तृत जांच रिपोर्ट शीघ्र समर्पित करने का निर्देश दिया गया है।
सरकार का कहना है कि चार जनवरी को जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का काफिला झारखंड मंत्रालय से लौट रहा था किशोरगंज चौक के समीप उपद्रवियों के झुंड ने सुनियोजित साजिश के तहत काफिले को निशाना बनाने की कोशिश की। हालांकि रांची पुलिस ने समझदारी का परिचय देते हुए मुख्यमंत्री के काफिले के रूट को डायवर्ट कर सुरक्षित मुख्यमंत्री आवास पहुंचाया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना पर कहा कि घर जाने के बाद उन्हें पता चला कि घटना घटी है। मुझे तो रास्ते दिखाने के लिए लोग आगे रहते हैं वे जिधर जाते हैं पीछे पीछे हम चले जाते हैं। घर जाने के बाद जानकारी मिली कि कुछ लोग घात लगाकर मेरे इंतजार में बैठे थे जब उनका ये प्रयास सफल नहीं हो पाया तब उपद्रव करने के काम में लग गये। इस तरीके की हरकतें हैं तो प्रशासन इसे गंभीरता से लेगा और जो भी लोग होंगे कड़ी कार्रवाई होगी। रांची बहुत छोटा शहर है, हमलोग एक दूसरे को जानते हैं। कौन किसका है यह भी पहचानते हैं। कानून दल और पार्टी देख कर काम नहीं करता। वह गलत कार्यों और गलत हरकतों पर अपनी कार्रवाई करता है।