रांची में ऑटोरिक्शा चालक हड़ताल पर, यात्री परेशान; जानें क्या है मामला
गुरुवार को रांची में यात्रियों और स्कूली छात्रों को कठिनाई का सामना करना पड़ा क्योंकि कुछ सरकारी प्रतिबंधों के विरोध में शहरी परिवहन प्रणाली की जीवन रेखा माने जाने वाले ऑटोरिक्शा सड़कों से नदारद रहे।
विभिन्न संगठनों ने गुरुवार से कैब एग्रीगेटर्स और सिटी बसों का परिचालन बंद करने का भी फैसला किया है। गुरुवार की सुबह कई स्कूलों के छात्र अपने अभिभावकों के साथ कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुंचते दिखे।
माता-पिता बबीता देवी ने अपनी बेटी को दीपाटोली रांची में एक निजी स्कूल छोड़ने के बाद पीटीआई-भाषा को बताया, "ऑटोरिक्शा की हड़ताल के कारण हमें बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मैं और मेरी बेटी पिछले दो दिनों से छह किलोमीटर पैदल चल रहे हैं।"
छात्र, जो स्कूल जाने के लिए परिवहन के साधन के रूप में ऑटोरिक्शा का उपयोग करते हैं, उन्हें पूरे शहर में इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल के कारण ट्रेन और बस यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जो सीमित ऑटो चल रहे हैं वे यात्रियों से मोटी रकम वसूल रहे हैं।
बैटरी चालित ई-रिक्शा सहित ऑटोरिक्शा संघ निर्धारित मार्गों, परमिट जारी करने में कथित विसंगतियों और रांची जिला प्रशासन की कार्रवाई के दौरान भारी जुर्माने जैसे कई मुद्दों के विरोध में 27 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
राज्य सीएनजी ऑटो चालक संघ के अध्यक्ष दिनेश सोनी ने कहा कि प्रशासन ने पूरे रांची शहर को चार क्षेत्रों में विभाजित किया है और ऑटोरिक्शा के लिए 17 मार्ग और ई-रिक्शा के लिए 113 मार्ग निर्धारित किए हैं।
सोनी ने कहा, "ऑटो-रिक्शा और ई-रिक्शा संघों ने नए रूट चार्ट का विरोध किया है। हम नए रूट चार्ट को वापस लेना चाहते हैं। प्रशासन ने परमिटधारी ऑटोरिक्शा के परिचालन को भी केवल तीन किलोमीटर तक सीमित कर दिया है।"
उन्होंने कहा, "5,000 परमिट वाले ऑटोरिक्शा हैं, जबकि 12,000 गैर परमिट वाले ऑटोरिक्शा हैं। परमिट की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है और अब किलोमीटर की सीमा भी कम कर दी गई है।"
इस बीच, रांची यातायात विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शहर की सड़कों पर यातायात का बोझ कम करने और बार-बार लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं।