"कैप्टन के रैलियों पर पाबंदी के फैसले राजनीति से प्रेरित, जनता के गुस्से को रोकने के लिए इस कदम का सहारा": अकाली दल
शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि 30 अप्रैल तक सभी राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध लगाने का कांग्रेस सरकार का फैसला शिरोमणी अकाली दल की पंजाब मंगदा जवाब रैलियों की शानदार सफलता का सीधा नतीजा है, जनता के गुस्से को रोकने के लिए सरकार ने इस कदम का सहारा लिया है।
अकाली दल के प्रवक्ता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि जनसभाओं पर प्रतिबंध कांग्रेस पार्टी तथा उसके मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह ने कोविड महामारी से ज्यादा रैलियों की सफलता से घबराकर लगाया है। ‘ शिरोमणी अकाली दल की एक के बाद एक रैली ने मुख्यमंत्री की गुटका साहिब तथा दशम पिता की शपथ को उजागर कर दिया है। इससे प्रशांत किशोर की योजनाएं गड़बड़ा गई हैं, जिन्होने कांग्रेस पार्टी को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सार्वजनिक रैलियों पर प्रतिबंध का सुझाव दिया है।
कांग्रेस सरकार ने जिस तरह से एक के बाद समाज के प्रत्येक वर्ग को धोखा दिया तथा हजारों करोड़ों रूपये के घोटाले वे सब उजागर हो गए हैं। डाॅ. चीमा ने कहा कि कांग्रेस न केवल विपक्ष की रैलियों पर प्रतिबंध लगाना चाहती है बल्कि सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए अपने ही कर्मचारियों पर रोक लगाना चाहती है जोकि सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। यह स्पष्ट है कि सरकार इस तरह के फैसलों से अपनी नीतियों के खिलाफ लोगों के गुस्से को कंट्रोल करना चाहती है।
चीमा ने मुख्यमंत्री बिना किसी वैज्ञानिक आधार पर लाॅकडाउन लगाने के लिए कड़ी निंदा की क्योंकि पंजाब की आर्थिकता पहले ही चरमरा चुकी है। उन्होने कहा कि पहले कांग्रेस सरकार ने पहले नगर निगम चुनाव कराने की अनुमति दी थी। देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के चुनावों की घोषणा कर दी गई है । इसी तरह कुंभ मेला भी लगा हुआ है जिसमें लाखों लोग जा रहे हैं। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार रात के कफ्र्यू की घोषणा की थी तथा सार्वजनिक विवाहों तथा पार्टियों सहित पर प्रतिबंध लगा रही है। इससे उद्योगों को आर्थिक नुकसान हुआ है तथा राजय से पड़ोसी राज्य को आर्थिक लाभ मिला है जो उन्ही गतिविधियों के लिए अनुमति दे रहे हैं।
अकाली नेता ने कहा कि इस तरह के फैसले लेने के बजाय सरकार को अस्पतालों में देखभाल में सुधार तथा चिकित्सा बुनियादी ढ़ांचे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होने कहा कि साथ ही टीकाकरण अभियान को तेज किया जाना चाहिए। डाॅ. चीमा ने कहा कि इस तरह से लोगों को एकत्र होने से रोकना तथा शादियों तथा पार्टियों पर प्रतिबंध लगाना तथा स्कूलों तथा काॅलेजों को बंद करने की बजाय उन्हे टीकारण तेज करना चाहिए जोकि समय की आवश्यकता है।