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20 June 2024

बंगाल के राज्यपाल बोस अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित, कोलकाता पुलिस पर उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गुरुवार को कहा कि कोलकाता स्थित राजभवन में तैनात कोलकाता पुलिस की मौजूदा टुकड़ी की मौजूदगी के कारण उन्हें अपनी सुरक्षा को खतरा होने की आशंका है।

उनका यह बयान पुलिस कर्मियों को राजभवन परिसर खाली करने का आदेश देने के कुछ दिनों बाद आया है। हालांकि, वे अभी भी गवर्नर हाउस में ड्यूटी पर हैं।

बोस ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''मेरे पास यह मानने के कारण हैं कि मौजूदा प्रभारी अधिकारी और उनकी टीम की मौजूदगी मेरी निजी सुरक्षा के लिए खतरा है।''

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उन्होंने कहा, "मैंने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को सूचित किया है कि मैं राजभवन में कोलकाता पुलिस से असुरक्षित हूं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।"

गवर्नर हाउस के सूत्रों ने कहा कि बोस ने राज्य सरकार से शिकायत की है कि राजभवन में तैनात पुलिसकर्मी लगातार जासूसी कर रहे हैं और उन्हें लग रहा है कि वे बाहर से "प्रभावशाली लोगों" के आग्रह पर ऐसा कर रहे हैं।

बोस ने कहा, "यहां तैनात पुलिसकर्मी मेरी गतिविधियों के साथ-साथ मेरे कई अधिकारियों की भी जासूसी कर रहे हैं। उनकी हरकतें सरकार में उनके राजनीतिक आकाओं के मौन समर्थन के साथ हैं। यह संविधान का उल्लंघन है।"

राज्यपाल ने समय-समय पर इस मामले को बनर्जी के संज्ञान में लाया लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है। उन्होंने कहा, ''गृह विभाग के अधीन आने वाले पुलिस विभाग के शीर्ष अधिकारियों की जानकारी के बिना इनमें से कुछ भी नहीं हो सकता।''

बोस ने दावा किया कि उन्हें राजभवन में वर्तमान प्रभारी अधिकारी के अधीन तैनात पुलिस दल के "कुकर्मों" के बारे में जानकारी थी।

उन्होंने कहा, "विभिन्न स्रोतों से ये विश्वसनीय जानकारी थी कि यहां की पुलिस टुकड़ी राजभवन और लोगों के हितों के खिलाफ काम कर रही है। मैंने खुद भी इसकी पुष्टि की है।"

बोस ने कहा कि यहां तैनात कुछ पुलिसकर्मी पहले राज्य सचिवालय 'नबन्ना' में तैनात थे। राज्यपाल ने कहा, "वे किसी के जासूस के रूप में काम कर रहे हैं। मैं अभी उस व्यक्ति का नाम नहीं लेना चाहता।"

बोस ने नवंबर 2023 में राजभवन में "जासूसी" के प्रयासों का आरोप लगाया था। इसके बाद, उन्होंने ग्राउंड फ्लोर को छोड़कर गवर्नर हाउस के अंदर कोलकाता पुलिस के कर्मियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।

उन्होंने कहा कि उनके पूर्ववर्ती जगदीप धनखड़, जो वर्तमान में देश के उपराष्ट्रपति हैं, ने भी राजभवन के अंदर कोलकाता पुलिस कर्मियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।

उन्होंने कहा, "मेरे पूर्ववर्ती और मैंने राजभवन के केवल कुछ क्षेत्रों में, जो गेट के पास हैं और केवल भूतल तक, कोलकाता पुलिस की उपस्थिति की अनुमति दी थी।"

बोस ने कहा, "लेकिन मैंने अपने आगंतुकों की जासूसी करने के लिए लिफ्टों के पास पुलिसकर्मियों की अनधिकृत उपस्थिति देखी। उन्हें रंगे हाथों पकड़ा गया और जाने के लिए कहा गया। वे राजभवन में प्रभारी अधिकारी और बाहर के लोगों को भी रिपोर्ट करते पाए गए। इसे एक अपराध कहा जा सकता है।"

पूर्व नौकरशाह बोस ने 1950 के दशक में मुंद्रा घोटाले का जिक्र किया जिसके कारण तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णामाचारी को इस्तीफा देना पड़ा था, जिन्हें एमसी छागला आयोग द्वारा अपने सचिव के कार्यों के लिए संवैधानिक रूप से जिम्मेदार ठहराया गया था।

राज्यपाल ने कहा, "अगर राजभवन में तैनात पुलिस बल द्वारा आपराधिक गतिविधियां की गई हैं, तो गृह मंत्री को जिम्मेदार होना होगा।"

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TAGS: West Bengal, governor, cv bose, mamata Banerjee, tmc government, threat, kolkata police
OUTLOOK 20 June, 2024
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