भीमा कोरेगांव मामले में जांच आयोग ने शरद पवार को भेजा समन
महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच कर रहे कमीशन ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। कमीशन की ओर से भेजे गए नोटिस में पवार को 4 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा गया है। माना जा रहा है कि भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में जांच आयोग के सदस्य पवार से कई बिंदुओं पर पूछताछ कर सकते हैं।
इससे पहले महाराष्ट्र के एक सामाजिक संगठन ने जांच आयोग के सदस्यों से शरद पवार को तलब करने की मांग की थी। सामाजिक समूह विवेक विचार मंच के सदस्यों ने जांच आयोग को एक अनुरोध पत्र देते हुए कहा था कि 18 फरवरी को अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने भीमा कोरेगांव की हिंसा को लेकर तमाम बातें कही थीं। इस दौरान उन्होंने पुणे के पुलिस कमिश्नर की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया था। ऐसे में इन तमाम विषयों पर पवार से पूछताछ की आवश्यकता है।
जांच आयोग ने शरद पवार को भेजा समन
भीमा कोरेगांव मामले पर बनी आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार को समन जारी कर आयोग के सामने 4 अप्रैल को उपस्थित होने को कहा है। आयोग 2018 में महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा मामले की जांच कर रहा है।
पवार से व्यक्तिगत रूप से गवाही कराने की मांग
याचिकाकर्ता संगठन ने यह भी कहा था कि भीमा कोरेगांव के केस में पवार से व्यक्तिगत रूप में गवाही देने और उनके पास मौजूद जानकारियों को उपलब्ध कराने के लिए निजी रूप से तलब किया जाना चाहिए। इस याचिका के कुछ वक्त बाद ही अब जांच आयोग ने पवार को नोटिस जारी किया है।
जनवरी 2018 में बनाया गया आयोग
पुणे के पास भीमा कोरेगांव इलाके में हुई हिंसा की जांच के लिए बने इस जांच आयोग का गठन 1 जनवरी 2018 को किया गया था। जस्टिस जे.एन. पटेल आयोग के अध्यक्ष और सुमित मुलिक आयोग के सदस्य हैं। 5 सितंबर 2018 से इस आयोग ने काम शुरू किया था। अब भी इस हिंसा की जांच जारी है और आयोग को अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपना बाकी है।