कोरोना वॉरियर्स पर भोपाल पुलिस ने चलाई लाठी, स्वास्थ्यकर्मी पर गैरजमानती धाराओं में एफआईआर
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में शांतिपूर्वक धरना कर रहे कोरोना वारियर्स का प्रदर्शन समाप्त करवाने के लिए पुलिस ने उन पर जमकर लाठी भांजी। उसके बाद बिना अनुमति प्रदर्शन करने , कलेक्टर के आदेशों का उल्लंघन करने और शासकीय कार्य में बाधा डालने की धाराओं में मामला दर्ज कर दिया है। पुलिस सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसके कारण अब सभी प्रदर्शनकारियों को कोर्ट से ही जमानत लेना होगा।
इन स्वास्थ्य कर्मियों ने शुक्रवार दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात से मुलाकात कर अपनी बात रखी थी। उसके बाद आज सरकार हरकत में आई और उनको हटाने के लिए लाठी चार्ज कर दिया। इसमें बहुत सारे स्वास्थ्यकर्मी घायल भी हो गये है। इस मामले में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसे शर्मनाक कहा है।
भोपाल पुलिस का कहना है कि बिना अनुमति प्रदर्शन करने वाले 49 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। पुलिस ने उनसे प्रदर्शन के लिए अनुमति लेने को कहा था, लेकिन वे बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर अड़े थे। वहां से हटाने के दौरान उन्होंने पुलिस पर ही हमला कर दिया था। कार्रवाई का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला भी दर्ज किया है। उन्हें कोर्ट से ही जमानत लेनी होगी।
कर्मचारियों को निकालने का विरोध
प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्यकर्मीयों का कहना था कि उनका क्लीनिक चलता था। सरकार ने मार्च में तीन महीने के लिए कोरोना वॉरियर्स की भर्ती निकाली थी। यह सिर्फ तीन महीने के लिए थी। 6 हजार से ज्यादा डॉक्टरों से लेकर लैब टेक्नीशियन और पैरामेडिकल स्टाफ समेत सभी तरह के मेडिकल स्टाफ की भर्तियां की गईं। इसमें कहा गया था कि तीन महीने के पहले भी हटाया जा सकता है, लेकिन तीन महीने पूरे होने के बाद इसे तीन महीने बढ़ा दिया। इसके बाद एक-एक महीने कर इसे दो बार बढ़ाया गया। अब शासन आधे कोरोना वॉरियर्स को निकाल रहे हैं, जबकि आधे स्टाफ को रख रही है। हम शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हम पर लाठियां भांजी। महिलाओं तक को नहीं छोड़ा।