श्रीनगर उपचुनाव: भारी हिंसा में 8 की मौत, मतदान सिर्फ 7.14 फीसदी
श्रीनगर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारी सुरक्षा इंतजामों के बावजूद अलगाववादियों के बहिष्कार की अपील का खासा असर रहा। कई जगह मतदान केंद्रों पर हमला हुआ, ईवीएम मशीनें तोड़ दी गईं और चुुुुनाव कर्मियों को मतदान केंद्र छोड़कर भागना पड़ा। इस सीट पर यह अब तक का सबसे कम मतदान है। इससे पहले कभी यहां मतदान के दौरान इतनी हिंसा नहीं हुई। इससे पहले इस सीट पर सबसे कम मतदान 11.93 प्रतिशत 1999 में हुआ, जब उमर अब्दुल्ला ने सीधे मुकाबले में महबूबा मुफ्ती को शिकस्त दी थी। वर्ष 2014 के आम चुनाव में इस सीट पर 26 प्रतिशत मतदान हुआ था।
उपचुनाव के दौरान श्रीनगर, बडगाम और गंदेरबल जिलों में विभिन्न स्थानों पर हिंसा पर उतारू भीड़ ने तोड़फोड की और एक मतदान केन्द्र में आग लगा दी जबकि दो अन्य को फूूंकने की कोशिश की। जम्मू कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी शांतमनु ने मतदान समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में अनुमानित 6.5 प्रतिशत मतदान हुआ। हालांकि बाद में संशोधित आंकड़ा जारी कर 7.14 प्रतिशत मतदान होने की बात कही गयी। यहां कुल 12.61 लाख मतदाता हैं।
हिंसा की 200 से ज्यादा घटनाएं
शांतमनु ने बताया कि निर्वाचन क्षेत्र में हिंसा की 200 से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। इनमें से अधिकतर बडगाम जिले में हुई। इस दौरान पथराव, पेटोल बम हमले, कुछ वाहनों, एक मतदान केन्द्र में आग लगाने, दो अन्य को जलाने की कोशिश की गई। इस हिंसा में 100 से ज्यादा अर्धसैनिक और पुलिसकर्मियों के घायल होनेे की खबर है।
हिंसा प्रभावित इलाके में फिर से मतदान कराने पर भी विचार किया जा रहा है। सुरक्षा बलों की गोलीबारी में नागरिकों की मौत पर पीड़ा जताते हुए राज्य की मुख्यमंत्राी महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें दुख है मृतकों से अधिकतर किशोर थे, जो अब तक मुद्दे की जटिलता भी नहीं समझ पाए थे। उन्होंने कहा कि राज्य को मौजूदा कठिनाइयों से निकालने का रास्ता शांति के जरिये है न कि हिंसा से
पीडीपी-भाजपा सरकार पर सवाल
नेशनल कान्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पीडीपी-भाजपा सरकार पर शांतिपूर्ण चुनाव के लिए अनुकूल माहौल मुहैया कराने में असफल रहने का आरोप लगाया है। अब्दुल्ला ने कहा कि उपचुनाव शांतिपूर्ण होना चाहिए था। यही चुनाव है। लोग जिसे भी चाहते हैं उसके लिए अपनी मौजूदगी और समर्थन दिखाना होता है। यह इस देश की स्वतंत्रता की पहली और महत्वपूर्ण चीज है। लोगों ने इस वोट के लिए संघर्ष किया है और वे इसका उपयोग करने में सक्षम होने चाहिए।
नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने अपने 20 साल के राजनीतिक सफर में इतना बुरा चुनावी माहौल नहीं देखा था। उधर, अलगाववादियों ने सुरक्षा बलों की गोलीबारी में नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ दो दिन का बंद बुलाया है।
-एजेंसी इनपुट
See how vulnerable the polling stations in Kashmir were today. Youths enter polling station at Nowgam to snatch EVMs and beat up staff. pic.twitter.com/zFR5L09GW4
— Ahmed Ali Fayyaz (@ahmedalifayyaz) April 9, 2017