महाराष्ट्र के BJP नेता का अपनी ही सरकार से सवाल, पूछा- 7 दिन में कैसे मार डाले 3 लाख चूहे
महाराष्ट्र में एक कंपनी द्वारा चूहे मारने को लेकर बीजेपी नेता एकनाथ खडसे ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एकनाथ खडसे ने पूछा कि कोई 7 दिन में 3 लाख चूहे कैसे मार सकता है। उन्होंने आगे कहा कि जबकि मुंबई महानगर पालिका 2 साल में 6 लाख चूहा मारती है।
चूहे घोटाले में जांच की मांग
महाराष्ट्र सरकार ने अपने सचिवालय में चूहों को मारने के लिए एक कंपनी को ठेका दिया था। कंपनी ने 7 दिन में 3 लाख से ज्यादा चूहों को मार देने का दावा किया है। अब एकनाथ खडसे इस मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।
सात दिन में कैसे मारा 3 लाख चूहे
एकनाथ खडसे ने विधानसभा में कहा कि 3,19,400 चूहों को मारने के लिए जिस कंपनी को ठेका दिया गया था, उसने महज सात दिनों में यह काम कैसे पूरा कर लिया? उन्होंने बजट मांगों पर चर्चा के दौरान कहा कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी ने शहर में छह लाख चूहों को मारने के लिए दो साल का समय लिया था।
दिया गया था 6 महीने का समय, महज 7 में कैसे हुआ ये
खडसे ने दावा किया, ‘एक सर्वेक्षण में पाया गया कि मंत्रालय में 3,19,400 चूहे हैं। प्रशासनिक विभाग ने चूहों को मारने के लिए ठेका दिया। ठेका पाने वाली कंपनी को छह महीने का समय दिया गया, लेकिन उसने महज सात दिनों में इस काम को अंजाम देने का दावा किया है’।
कंपनी ने हर मिनट में मारे होंगे 31.68 चूहे
बीजेपी नेता ने कहा,‘इसका मतलब है कि एक दिन में 45,628.57 चूहे मारे गए। उनमें 0.57 अवश्य ही नवजात रहे होंगे।’ उन्होंने कहा कि इसका यह मतलब भी है कि कंपनी ने हर मिनट 31.68 चूहे मारे। उनका वजन करीब 9,125.71 किग्रा होगा और मरे हुए चूहों को मंत्रालय से ले जाने के लिए रोजाना एक ट्रक की जरूरत पड़ी होगी, लेकिन यह नहीं पता कि उन्हें कहां फेंका गया।
सरकार इस काम के लिए 10 बिल्लियों को लगा सकती थी
वहीं, पूर्व राजस्व मंत्री ने आगे कहा कि सरकार किसी कंपनी को यह काम सौंपने की बजाय इस काम के लिए 10 बिल्लियों को लगा सकती थी।
मंत्रालय में जहर कैसे लाया गया
खडसे ने कहा कि जिस कंपनी को चूहे मारने का ठेका मिला था, उसके पास मंत्रालय में जहर लाने की अनुमति नहीं थी। ऐसे में गृह विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की अनुमति के बगैर मंत्रालय में जहर कैसे लाया गया।
इतना ही नहीं खडसे ने इस मामले को कुछ दिनों पहले मंत्रालय में हुए किसान धर्मा पाटिल की आत्महत्या पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि धर्मा पाटिल ने खुद का लाया जहर पीकर आत्महत्या नहीं की, बल्कि मंत्रालय में चूहे मारने के लिए लाए गए जहर को खाकर जान दी थी। बीजेपी नेता ने इस पूरे मामले में जांच की मांग की है।
उन्होंने जांच की मांग करते हुए कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है कि इस कंपनी ने महज सात दिनों में तीन लाख से अधिक चूहों को मार दिया। कंपनी के दावे पर विश्वास नहीं किया जा सकता।