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20 September 2016

भाजपा शासित मप्र-छग में कालाधन घोषित करने वाले 193 फीसदी बढ़े

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प्रींसिपल चीफ कमिश्नर मप्र और छग अबरार अहमद ने दावा किया की आईडीएस एक सफल योजना है। लोग लगातार अपना कालाधन घोषित कर रहे हैं। इसकी सफलता पर सवालिया निशान लगाना गलत है। कालाधन घोषित करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। बिना पैन के लेन देन करने वालों के साथ कई लोगों ने पैनी स्टॉक्स, जमीन के बेनामी सौदों, मूल्यांकन से कम मूल्य पर जमीन खरीद दर्शाने के साथ शेयर और कमोडिटी मार्केट में बड़ा पैसा बनाया है। चूंकि ये सारे सौदे पैन कार्ड के साथ किए गए हैं। इसलिए इनका डाटा जुटाकर संबंधित लोगों को नोटिस के जरिए यह बताया गया है कि उन्होंने कितनी आय छुपाई है। इसके एवज में उनसे टैक्स देने को कहा गया है। 


गौर हो कि देश के प्रत्यक्ष कर संग्रह में मप्र और छग का योगदान केवल 2.5% है। इसे देखते हुए आय घोषणा योजना के तहत लक्ष्य बढ़ाकर दिए गए हैं। कालाधन घोषित करने वाले के लिए इफेक्टिव रेट ऑफ टैक्स 45 नहीं 37% ही होगा। 30 सितंबर तक केवल आय घोषित करना है। वह नवंबर-16 तक टैक्स का 25% दे सकता है। शेष 25% मार्च 17 तक और 50% राशि वह एक साल बाद यानी सितंबर-17 तक दे सकता है। टैक्स चुकाने के इस फ्लेक्जिबल ऑप्शन से इफेक्टिव रेट ऑफ टैक्स घोषित दर से 8% तक कम हो जाएगी। 

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दोनों प्रदेशों में एक साल में कई लोगों ने मर्सिडीज और ऑडी जैसी कारें खरीदीं। लेकिन इनमें से अधिकांश कारें कैश पेमेंट के जरिए खरीदी गईं। विभाग ने इन सभी को नोटिस भेजकर खरीद में दिए गए नगदी के बारे में पूछा है। उल्लेखनीय है कि प्रीमियम कार कंपनियां अपनी कार बिक्री के डॉटा शहर और क्षेत्रवार नहीं जारी करतीं। इसके चलते यह पता करना मुश्किल होता है कि किस शहर से कितनी कारें बेची गई हैं। 

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TAGS: भाजपा, मध्‍यप्रदेश, छत्‍तीसगढ़, कालाधन, आर्इडीएस, पैन, सरकार, आयकर विभाग, income tax department, black money, bjp, states, mp, chattisgarh
OUTLOOK 20 September, 2016
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