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23 April 2021

कोरोना संकट के बीच 16,000 रूपए में बेचे जा रहे रेमडिसिवीर की नकली इंजेक्शन, रहे सतर्क

File Photo

देश में कोरोना महामारी की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटीलेटर पर पहुंच गई है। लोगों को दवाओं से लेकर ऑक्सीजन और बेड्स तक की किल्लतों से सामना करना पड़ रहा है। आलम ये है कि कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल के बाहर दम तोड़ने को मजबूर हैं। वहीं, जो भर्ती है उन्हें या तो समय पर दवा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है या ऑक्सीजन की कमी की वजह से जान गंवानी पड़ रही है। देश की राजधानी दिल्ली में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। शुक्रवार की सुबह ही जाने-माने अस्पतालों में से एक दिल्ली के सर गंगा राम में 25 मरीजों को ऑक्सीजन की कमी की वजह से जान गंवानी पड़ी। ये सभी गंभीर हालत में भर्ती थे। जबकि अस्पताल ने कहा है कि 60  मरीजों की जान भी ऑक्सीजन की कमी की वजह से जा सकती है। इस बीच कालाबाजारी भी जोरो पर है। कुछ बिचौलिए फर्जीवाड़े तरीके से इसमें धांधली और नकली दवाओं का कारोबार कर रहे हैं। 

इस वक्त सबसे अधिक डॉक्टर कोरोना संक्रमण की वजह से गंभीर परिस्थिति में भर्ती होने वाले मरीजों को रेमडेसिवीर इंजेक्शन लिख रहे हैं। अस्पताल और दवाखाना के पास ये उपलब्ध नहीं है। लोग मारे-मारे फिर रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर अन्य माध्यमों से जुगाड़ करने में जुटे हुए हैं। जबकि सरकारी महकमा पूरी तरह से शांत है। लखनऊ के इंटिगरल हॉस्पिटल में एक मरीज की हालत कई दिनों से गंभीर बनी हुई है। उनके परिजन परेशान हो रहे हैं। गुरुवार को डॉक्टर ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन लिखा, जो शहर में उपलब्ध नहीं है। सोशल मीडिया के माध्य से परिवार को एक नंबर मिलता है जिस पर बात करने पर रेमडेसिवीर उपलब्धन होने की बात कही जाती है लेकिन कीमत 16,000 हजार रूपए बताई जाती है। एक बात कही जाती है कि मरता-क्या नहीं करता, परिवार के एक सदस्य ने उस व्यक्ति से संपर्क कर दवा खरीदा। लेकिन, जब डॉक्टर के पास इसे लाया गया तो, डॉक्टर ने इसे नकली बात दिया।

दरअसल, सोशल मीडिया के जरिए लोगों की मदद भी की जा रही है। वहीं, कुछ लोग अपना कारोबार करने और लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने में जुटे हुए हैं। सोशल मीडिया पर बीते कुछ सप्ताह से लगातार कई सारे हेल्पलाइन नंबर  शेयर किए जा रहे हैं। कई नंबर गलत है। कई नंबर किसी और का नंबर है। जिसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। आउटलुक ने जब गुरूवार की देर रात एक नंबर पर संपर्क किया तो खुद उस व्यक्ति ने अपने आप को फैजान नाम का शख्स बताया। उसने कहा कि उसका इस क्षेत्र से कोई लेना देना नहीं है। लोग कई दिनों से परेशान कर रहे हैं। पता नहीं, कहां से नंबर शेयर किए जा  रहे हैं।

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वहीं, सोशल मीडिया के जरिए बहुतों को मदद भी पहुंच रही है। लेकिन, फेक की भी बाढ़ आन पड़ी है। कई बार उम्मीद में बैठा किसी व्यक्ति अपने विश्वास को खो दे रहा है जब उसे पता चलता है कि जिसके साथ वो संपर्क में था वो फर्जी है।

रेमडेसिवीर इंजेक्शन को लेकर आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ का कहना है कि रेमडेसिवीर कोई रामबाण दवा नहीं है। इसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। डॉक्टरों को इसे नहीं लिखा जाना चाहिए। अभी तक कोई ऐसे सबूत सामने नहीं आए हैं, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया हो कि ये पूरी तरह से कारगर है।

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TAGS: Black Marketing Of Remdisivir, Corona Crisis, Fake Injections, Lucknow, Uttar Pradesh, Covid-19
OUTLOOK 23 April, 2021
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