आप भी जाना चाहते हैं एमएस धोनी के घर?, तो जरा संभल के, जानिए- क्या है वजह
मैदान में अपनी तूफानी अदा से चर्चा में रहने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी लगातार चर्चा में रहे। अब क्रिकेट से इतर एक से एक बाइक्स के बेड़ा, आर्गेनिक फार्मिंग, डेयरी, कुत्ते, अब घोड़े को लेकर चर्चा में हैं। इधर मुंबई के आलीशान बंगले को लेकर नये सिरे से चर्चा में हैं। झारखण्ड की राजधानी रांची में भी हरमू मेन रोड के अपने पुराने आवास से वे कुछ साल पहले रिंग रोड के किनारे कई एकड़ में फैले अपने नये फार्म हाउस नुमा मकान में शिफ्ट कर गये। सूबा और शहर के आइकॉन हैं। झारखण्ड सरकार ने इन्हें अपना ब्रांड एम्बेसडर भी बनाया था। जहां इनकी कोठी है वह भी सरकार की एक बड़ उपलब्धियों में है। कोई 81 किलोमीटर लंबा रिंग रोड।
कई वर्षों की जद्दो जहद के बाद अब पूर्ण होने के करीब। बाहर से राजधानी आने-जाने और इस रास्ते से दूसरे शहरों को जाने के लिए एक प्रकार से जीवन रेखा। इसी रिंग रोड के किनारे धौनी की कोठी है। जब धौनी रांची में होते हैं तो इसी बंगले में रहते हैं। गाहे-बगाहे उनकी टीम के सदस्य व धौनी के करीबी दूसरे क्षेत्र के ख्यात लोगों का भी यहां जमावड़ा लगता रहता है। अगर आप को धौनी के घर जाना है तो बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है।
(एमएस धोनी के घर जाने के रास्ते का हाल, फोटो- नवीन कुमार मिश्र/ आउटलुक)
आप अगर रांची शहर से जोड़ने वाली मुख्य सड़क से कटहल मोड़ होते हुए दलादली चौक पहुंचते हैं और रिंग रोड के बाइलेन से धोनी के बंगले की तरफ जाते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कोई बीस-पच्चीस फीट की लंबाई में तीन-चार स्थानों पर आधी से अधिक सड़क कटी हुई है। पांच से छह फीट तक गहरा। फोरव्हीलर से जाना सीधे तौर पर दुर्घटना को आमंत्रित करना है।
दरअसल नगर निगम से बाहर सिमलिया पंचायत में यह इलाका पड़ता है। पाइपलाइन जलापूर्ति के लिए टंकी स्थापित किये जाने के बाद सड़क को काट पाइप लाइन बिछाई गई। गढ़ा करने के बाद आधे-अधूरे तरीके से उसे पाइप बिछाने के बाद भर दिया गया। मगर बारिश में मिट्टी बह गई और भारी वाहनों के गुजरने आदि से जमीन धंस गई। कुछ महीने से यही हालत है। धौनी के घर के सामने से भी यह पाइप लाइन गुजरती है। अब कोई झारखण्ड के ब्रांड एंबेसडर रहे धौनी के घर आयेगा तो क्या संदेश लेकर जायेगा। अब तक प्रशासन का ध्यान इधर नहीं गया है। लोग तो धौनी के घर आते ही हैं, सामने से गुजरते ही हैं, बदहाली का संदेश भी ले जाते हैं।