मणिपुर में बीएसएफ के एक जवान की मौत, असम राइफल्स के दो जवान घायल: सेना
पिछले एक महीने से मणिपुर में हिंसा जारी है, अभी तक यहां दर्जनों लोगों की हिंसा में मौत हो चुकी है। इस बीच बीएसएफ के एक जवान की हिंसा में मौत हो गई है, जबकि असम राइफल्स के दो जवान घायल हो गए हैं।
दरअसल, मणिपुर के सेरौ इलाके में विद्रोहियों के साथ गोलीबारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान मारा गया और असम राइफल्स के दो जवान गोली लगने से घायल हो गए। सेना ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
दीमापुर में सेना के स्पीयर कॉर्प्स मुख्यालय ने ट्विटर पर कहा कि घायलों को हवाई मार्ग से मंत्रीपुखरी ले जाया गया है और तलाशी अभियान जारी है।
ट्विटर पर कहा गया, "असम राइफल्स, बीएसएफ और पुलिस द्वारा #मणिपुर में सुगनू/सेरो के क्षेत्रों में व्यापक क्षेत्र वर्चस्व अभियान चलाया गया, सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के समूह के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी 05/06 जून की पूरी रात हुई। सुरक्षा बलों ने प्रभावी रूप से जवाबी कार्रवाई की।"
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पश्चिमी इंफाल जिले के फायेंग से सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के बीच भीषण गोलीबारी की सूचना भी प्राप्त हुई है। रविवार की रात नाराज ग्रामीणों ने मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू में रविवार की रात एक शिविर में आग लगा दी थी, जहां यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के उग्रवादी सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ठहरे हुए थे।
गौरतलब है कि काकचिंग जिले के सेरौ स्थित सुगनू कांग्रेस विधायक के रंजीत के आवास सहित कम से कम 100 परित्यक्त घरों को आग के हवाले करने के बाद ग्रामीण अपना गुस्सा निकाल रहे थे। विदित हो कि मणिपुर में एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 98 लोगों की जान चली गई थी और 310 अन्य घायल हो गए थे।
इसके बाद से कुल 37,450 लोग वर्तमान में 272 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। याद दिला दें कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुईं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए करीब 10,000 सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।