बुलंदशहर गैंगरेप मामला: तीन आरोपी हिरासत में, एसएसपी समेत चार अफसर सस्पेंड
बुलंदशहर के दोस्तपुर गांव में हुई इस वारदात के सामने आने के बाद वहां पहुंचे राज्य के डीजीपी जावीद अहमद ने बताया कि घटना में शामिल तीन आरोपियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। मामले के सामने आने के बाद विपक्ष के निशाने पर आई राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण, सिटी एसपी राममोहन सिंह और सर्किल अफसर (सदर) हिमांशु गौरव सहित चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया। वहीं डीजीपी अहमद ने बताया कि पुलिस ने कल शाम 15 लोगों को इस मामले में हिरासत में लिया है। उन्होंने बताया कि बावरिया गिरोह से संबंध रखने वाले तीन आरोपियों की पहचान पीडितों ने की है और सभी दोषियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
एनएच-91 पर जा रहे नोएडा के परिवार के साथ शुक्रवार को हुए इस भयावह हादसे के बाद पूरे देश में पैदा हुए आक्रोश और घटना के राजनीतिक रंग लेने के मद्देनजर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आनन-फानन में हरकत में आए और पुलिस पर लगे शिथिलता के आरोप में बुलंदशहर के एसएसपी सहित चार पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया। बहरहाल, पुलिस प्रमुख ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि पुलिस सूचना मिलने के 20 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच चुकी थी और एसएसपी वैभव कृष्ण भी वहां पहुंच गए थे।
विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि यह बर्बर घटना दिखाती है कि उत्तर प्रदेश में गुंडाराज चरम पर है। राज्य में अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह एक्सप्रेस-वे और राजमार्ग तो बना रही है, लेकिन लोगों की सुरक्षा की परवाह नहीं कर रही। बसपा ने कहा कि ऐसे जघन्य अपराध संकेत करते हैं कि राज्य में कानून-व्यवस्था की हालत बद से बदतर हो चुकी है और राज्य में जंगलराज है। अखिलेश यादव सरकार पर हमला बोलते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता महेश शर्मा ने कहा, यह सब कब खत्म होगा? यह दिखाता है कि राज्य सरकार हर मोर्चे पर नाकाम हुई है। वे एक बेटी के सम्मान को नहीं बचा पा रहे। यह शर्मनाक है और उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।