Advertisement
13 April 2025

कर्नाटक में जातिगत जनगणना रिपोर्ट ने छेड़ी नई बहस, ओबीसी आरक्षण 51% करने की सिफारिश

देशभर में जाति जनगणना को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच कर्नाटक में एक अहम रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मौजूदा 32 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 51 फीसदी करने की सिफारिश की गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता वाली कर्नाटक कैबिनेट में यह रिपोर्ट पेश की गई। सरकारी सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। 

सूत्रों के मुताबिक, सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि राज्य में ओबीसी की आबादी 70 फीसदी है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी को 51 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। इसके लिए तमिलनाडु (69 फीसदी) और झारखंड (77 फीसदी) के मॉडल का हवाला दिया गया है। ओबीसी की कुल आबादी 4,16,30,153 बताई गई है। 

सबसे ज्यादा किसकी आबादी

Advertisement

रिपोर्ट का हवाला देते हुए सूत्रों ने बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी क्रमश: 1,09,29,347 और 42,81,289 है। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, श्रेणी 1ए में पिछड़े समुदायों की जनसंख्या 34.96 लाख, 1बी- 73.92 लाख, 2ए- 77.78 लाख, 2बी- 75.25 लाख, 3ए- 72.99 लाख और श्रेणी 3बी में पिछड़े समुदायों की जनसंख्या 1.54 करोड़ है।

रिपोर्ट पर विवाद

कर्नाटक में इस रिपोर्ट पर विवाद गहरा गया है। वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों ने इसे "अवैज्ञानिक" और "पक्षपाती" बताते हुए इसे खारिज करने की मांग की है। उनका कहना है कि एक नए सर्वेक्षण की जरूरत है। यह रिपोर्ट कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 फरवरी को मुख्यमंत्री को सौंपी थी। आयोग के अध्यक्ष के. जयप्रकाश हेगड़े के नेतृत्व में तैयार यह सर्वेक्षण 2014-15 के आंकड़ों पर आधारित है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Caste census, karnataka, cm Siddaramaiah, obc reservation
OUTLOOK 13 April, 2025
Advertisement