कर्नाटक फोन टैपिंग मामले में पूर्व पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार के यहां सीबीआई का छापा
कर्नाटक के बहुचर्चित फोन टैपिंग मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बेंगलुरू के पूर्व पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार के घर और दफ्तर दोनों पर एक साथ छापे मारे। फिलहाल कुमार कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस में एडीजीपी हैं।
सीबीआई ने कर्नाटक में कथित अवैध फोन टैपिंग का मामला दर्ज किए जाने के लगभग एक महीने बाद, यह कार्रवाई की है। एजेंसी के अधिकारियों ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आलोक कुमार के आवास और दफ्तर में तलाशी के दौरान कई फाइलें कब्जे में ली हैं।
येदियुरप्पा ने दर्ज कराई थी शिकायत
कर्नाटक के बीएस येदियुरप्पा सरकार ने पिछले साल अगस्त में सीबीआई को एफआइआर दर्ज कराई थी। फोन टैपिंग विवाद मीडिया में बातचीत लीक होने के बाद सामने आया था। इसमें एक आईपीएस अधिकारी का भी नाम था। कहा जा रहा है कि इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और जद (एस) के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री एचडी रेवन्ना की बातचीत भी लीक हुई थी।
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार एजेंसी के करीब 20 ऑफिसर आलोक कुमार के बंगले पर सुबह सात बजे पहुंच गए थे। उसने 2017-2019 के फोन टैपिंग मामले में पूछताछ की गई। आरोप है कि एच.डी. कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री रहते हुए, उनके कार्यकाल में कई विधायकों द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री और जेडीएस के नेता अपने सहयोगियों के फोन टैप कर रहे थे।
आलोक कुमार पर कुमारस्वामी की मदद का आरोप
आलोक कुमार ने कुमारस्वामी को एक पेन ड्राइव में फोन कॉल रिकॉर्डिंग सौंपी थी, जब उनकी सरकार जनता दल-सेक्युलर और कांग्रेस पार्टी के कई विधायकों के जून और जुलाई के अंत में इस्तीफा देने के बाद दांव पर थी। कुमारस्वामी की 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडी-एस सरकार ने जुलाई में सत्ता गंवा दी थी, क्योंकि कुमारस्वामी सदन में अपना बहुमत साबित नहीं कर पाए थे।
इसके बाद बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री बनने के बाद आलोक कुमार को बेंगलुरु पुलिस आयुक्त के पद से हटा कर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।