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08 August 2017

लड़के भूल तो करके देखें, हर घर से मुलायम निकलेंगे, हर पार्टी में शाइना है

एक शब्द होता है ‘चरित्र हनन’। यानी जब आप चौतरफा घिरे हों तब उसका चरित्र हनन करना शुरू कर दीजिए, जिसकी वजह से आप घिर गए हैं। घिर इसलिए गए क्योंकि पीड़ित ने आवाज उठाई। उस आवाज पर इतने सवाल खड़े कर दीजिए कि आपकी लकीर छोटी हो जाए। 

ताजा मामला चंडीगढ़ का है जो इन दिनों सुर्ख़ियों में है। हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला पर एक आईएएस अधिकारी की बेटी वर्णिका कुंडू ने आरोप लगाया कि उसने चंडीगढ़ में आधी रात को उसकी कार का कई किलोमीटर तक पीछा और छेड़छाड़ का प्रयास किया। वह खुशकिस्मत है कि उसका रेप नहीं हुआ। खुशकिस्मत इस मायने में भी है कि किसी आम आदमी की बच्ची नहीं है और अपने साथ हुए उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा सकती है।

वर्णिका ने पहले फेसबुक पोस्ट और फिर तमाम न्यूज चैनलों के जरिए अपनी बात रखी। उत्पीड़न के पर्दे में अपनी पहचान छिपाने के बजाय उसने खुलकर सामने आने का फैसला किया। लेकिन जैसा कि अक्सर इस तरह के मामलों में होता है कुछ लोगों ने वर्णिका के चरित्र का अपने हिसाब से ही चित्रण करना शुरू कर दिया।

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वही पुरानी कुंठित मानसिकता कि लड़की इतनी रात को अकेली क्यों घूम रही थी या लड़की नशे में थी। इन सब के पीछे यही सोच काम कर रही होती है कि पीड़ित को ही और ज्यादा पीड़ित कर दो ताकि असली मुद्दे से ध्यान भटक जाए और बात जब किसी रसूखदार आदमी की हो तो क्या कहना।

इसी के चलते एक फोटो भी सोशल मीडिया पर घूम रही है, जिसमें कथित तौर पर वर्णिका को विकास बराला के साथ दिखाया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि लड़की नशे में धुत्त है। इस तस्वीर को कई लोगों समेत महाराष्ट्र की बीजेपी प्रवक्ता शाइना एन सी के ट्विटर अकाउंट से भी ट्वीट किया गया। हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट किया कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया था। बाद में ट्वीट भी हट गया। यह सब सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के “लड़कों से गलती हो जाती है” वाले बयान से आगे की चीज है।

शाइना एनसी का बाद में आया ट्वीट-

सफाई देने से पहले शायना के ट्वीट पर लोगों की ऐसी प्रतिक्रियाएं रहीं-

ऐसी ही तमाम पोस्ट सोशल मीडिया पर फैलाई गईं। एक झलक देखिए-

 

इन सारी तस्वीरों को देखकर यही लगता है कि ये सारा काम सोशल मीडिया पर कितने संगठित तरीक से किया जाता है, ताकि एक लड़की का चरित्र हनन किया जा सके और उसे ही शक के दायरे में खड़ा कर दिया जाए। इन्हें लगता है कि अगर लड़की ने शराब पी रखी है तो उसके साथ कुछ भी किया जा सकता है। 'पिंक' जैसी फिल्में तो सिर्फ छोटा सा आइना हैं, हकीकत और भी डरावनी है। 

ऐसे ही रामजस विवाद के बाद जब गुरमेहर कौर ने आवाज उठाई थी तो एक फर्जी वीडियो उसके नाम से वायरल किया गया, जिसमें कहा गया कि वह शराब पीकर गाड़ी में डांस कर रही है। यह वीडियो पूरी तरह फर्जी था। निर्भया केस के बाद, आसाराम बापू नाम के कथित संत ने कहा था कि अगर निर्भया आरोपियों को अपना भाई बना लेती तो बच सकती थी। इन सबके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री खुद इतने 'अच्छे' विचार रखते हैं कि उन्होंने लड़कियों को जींस ना पहनने की सलाह दी थी।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का केंद्र सरकार का नारा है। इसमें बेटी बचाओ हरियाणा पर ज्यादा लागू होता है, क्योंकि हरियाणा में लैंगिक असमानता ज्यादा है। वहीं पर एक लड़की को हरियाणा भाजपा अध्यक्ष का बेटा नशे में पीछा कर रहा है, ऐसे में हरियाणा की भाजपा सरकार पर भी सवाल खड़े होते हैं।

यह कैसी पितृसत्तात्मक सोच है, जो हर हाल में आरोपियों को कभी शक की निगाह से नहीं देखती और उसे आरोप साबित होने से पहले ही बरी कर देना चाहती है? यह मानकर चला जाता है कि 'गलती' लड़की की होगी। जड़ें बहुत गहरी हैं और इलाज बहुत मुश्किल क्योंकि यह पहला और आखिरी मामला नहीं है। फिर जब एक 'आईएएस अधिकारी' की बेटी के साथ ऐसा हो सकता है तो आम लड़कियों के बारे में कल्पना की जा सकती है।  

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TAGS: varnika kundu, chandigarh stalking case, vikas barala
OUTLOOK 08 August, 2017
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