कश्मीर में पकड़े गए पाकिस्तानी बहादुर अली के खिलाफ आरोप पत्र
एजेंसी ने भादसं, गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक कानून, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, हथियार कानून, विदेशी अधिनियम और भारतीय वायरलेस अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत अली के खिलाफ जिला न्यायाधीश अमरनाथ की अदालत में आरोपपत्र दाय किया है। वह अगस्त से न्यायिक हिरासत में है।
अदालती सूत्र के अनुसार आरोपपत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर में हाल की अशांति का सूत्रधार पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तैयबा ही है। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि सीमा पर तैनात पाकिस्तानी बलों की मदद से लश्कर ने पिछले साल गर्मियों के दिन से हथियारों से लैस आतंकवादियों को इस निर्देश के साथ भारत भेजा कि वे स्थानीय लोगों के साथ घुल-मिलकर अशांति पैदा करें तथा पुलिस एवं सुरक्षाबलों पर हमला करें।
एआईए ने यह भी आरोप लगाया है कि अली ने साथियों की मदद से भारत की सुरक्षा एवं संप्रभुता को अस्थिर करने के लिए आतंकी हमले करने की साजिश भी रची थी। अली की जेब से मिली डायरी में दिल्ली के अलावा जम्मू-कश्मीर के कई शहरों के नाम हैं। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अली लश्कर के कार्यकर्ता के रूप में प्रशिक्षित है, उसकी डायरी में इन शहरों के नाम शामिल किया जाना संकेत करता है कि उसे दिल्ली समेत इन स्थानों पर आतंकवादी हमला करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
एक विशेष अदालत ने ने 19 दिसंबर को अली की न्यायिक हिरासत 18 जनवरी तक के लिए बढ़ाई थी। अली केा 25 जुलाई को उत्तरी कश्मीर में हंदवाड़ा में कलामाबाद के मवार इलाके में यहामा गांव से गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से तीन एके 47 राइफल, दो पिस्तौल ओर 23,000 रुपये मिलने का दावा किया गया था। वह लाहौर में राइविंड के जहामा गांव का रहने वाला है। उसने कक्षा चौथी में पढ़ाई छोड़ दी थी।
एनआईए के अनुसार अली ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लश्कर के कैंप में मानचित्र समझाने, जीपीएस उपकरण चलाने समेत कई गतिविधियों का प्रशिक्षण लिया था। (एजेंसी)