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09 June 2021

उत्तराखंड: पावर बैंक एप से 250 करोड़ की ठगी, 15 दिन में पैसे दोगुने करने का दिया था लालच

प्रतीकात्मक तस्वीर

एसटीएफ ने पॉवर एप के माध्यम से हो रही ठगी का भंडाफोड़ करके एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। ठगी के इस खेल के तार विदेश से जुड़े हैं। इस एप के माध्यम से अब तक 250 करोड़ से ज्यादा की ठगी की जा चुके हैं।

उत्तराखंड पुलिस के मुख्य प्रवक्ता और अपर पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बताया कि वर्तमान में ऐसे कई प्रकरण सामने आ रहे हैं, जिनमें साइबर अपराधी पावर बैंक नामक एप के माध्यम से इंवेस्ट करने पर 15 दिन में पैसे दोगुने करने का लालच देकर आम जनता से धनराशि जमा कराकर करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे ही एक मामले के पीड़ित रोहित कुमार और राहुल कुमार निवासी हरिद्वार ने साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। इसमें कहा गया था उन्हें उनके दोस्त ने बताया गया कि पावर बैंक नामक एप के माध्यम से इंवेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने हो जाते हैं। इस पर उन्होंने गूगल प्ले-स्टोर से पावर बैंक नामक एप डाउनलोड कर अलग-अलग तिथियो में 91,200/- और 73,000/- रुपये जमा कराए।

मुख्य प्रवक्ता अभिनव ने इसकी जांच के लिए एसटीएफ और साइबर थाने की संयुक्त टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने अभियुक्तों द्वारा प्रयुक्त मोबाइल फोन नंबर के साथ ही उन बैक खातों एवं ऑनलाईन मर्चेंट/वॉलेट में ली गई ऱाशि के बारे में दूरभाष कंपनी, बैंक व वॉलेट नोडल अधिकारियों से जानकारी ली। पाया गया कि समस्त धनराशि विभिन्न वॉलेट के माध्यम से अलग-अलग बैंक खातो में भेजी गई। पाया गया कि रोजर पे (RAZOR PAY) एवं पे यू (PAY U) के माध्यम से पैसा आईसीआईसीआई बैंक के खाते तथा पेटीएम बैंक में भेजा गया। यह भी पता चला कि प्रतिदिन करोड़ों का लेन-देन उक्त बैंक खातो में किया जाता है। इन खातों का तकनीकी विश्लेषण करने पर पाया गया पेटीएम बैंक का खाता सबसे ज्यादा संदिग्ध खाता है। इसका संचालन पवन कुमार पाण्डेय निवासी नोयडा (उप्र) के द्वारा किया जा रहा है। यह पावर बैंक एप फरवरी 2021 से 12 मई 2021 तक संचालन में रहा। जांच में विभिन्न खातों में करीब 250 करोड़ धनराशि की धोखाधड़ी प्रकाश में आई। इसके और भी ज्यादा होने का अनुमान है। क्योंकि इस पॉवर बैंक एप पूरे देश में 50 लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है।

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मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि साइबर थाने एवं एसटीएफ की संयुक्त ने ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सदस्य पवन कुमार पांडेय पुत्र बनवारी पांडेय निवासी सी-7 एचआईजी फ्लैट, ग्रीन व्यू अपार्टमेंट सेक्टर 99 नोयडा (उत्तर प्रदेश) को गिरफ्तार किया है। इसके पास ने 19 लैपटॉप, 592 सिम कार्ड, पांच मोबाइल फोन,चार एटीएम कार्ड और पासपोर्ट बरामद किया गया है। अब तक की पूछताछ में पता चला है कि कुछ विदेशी भारत में कुछ निवेशकों से दोस्ती कर उन्हें भारत में विभिन्न व्यापार के नाम पर कमीशन देने के नाम पर अपने साथ जोड़ते है। इस प्रकार विभिन्न ऑनलाईन एप पहले लोन देती है। फिर लोगों का विश्वास जीतकर रिचार्ज एवं पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर धनराशि निवेश करवाते है। भारत के नागरिकों के ही बैंक खाते और उनके मोबाइल नंबर का प्रयोग किया जाता है।

शुरूआत में कुछ व्यक्तियों को पैसे वापस भी किए जाते हैं। इसे सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार से इनका यह अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध पूरे देश में पैर पसारता है। प्रतिदिन करोड़ों की धनराशि एक खाते से दूसरे खाते और उसके आगे विभिन्न खातों में भेजते हैं। अपराध में प्रयोग बैंक खाते विभिन्न फर्जी कंपनियों के नाम से रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में पंजीकृत हैं। यह भी पाया गया कि इस धनराशि को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीन एवं अन्य राष्ट्रों में भेजी जाती है। इस प्रकार भारत के पैसे को अन्य राष्ट्र की मुद्रा मे परिवर्तित करने का एक बहुत बड़ा संगठित अन्तराष्ट्रीय गिरोह चल रहा है। इस प्रकार इसके अपराध का तरीका प्रकाश में आ चुका है।

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TAGS: पावर बैंक एप, एप से ढाई करोड़ की ठगी, एसटीएफ, साइबर थाने, उत्तराखंड पुलिस, Power bank app, app fraud of 2.5 crores, STF, cyber police station, Uttarakhand police
OUTLOOK 09 June, 2021
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