महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में मिली जमानत
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता व महाराष्ट् के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल को शुक्रवार को बंबई हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में बंद भुजबल को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। 71 साल के भुजबल पिछले दो साल से जेल में बंद हैं।
जस्टिस पीएन देखमुख ने भुजबल को निर्देश दिया कि वे जमानत के लिए पांच लाख का निजी मुचलका भरें। एनसीपी नेता मार्च 2016 से जेल में बंद हैं। जस्टिस देखमुख ने जमानत देते हुए कई शर्तें रखी जिनमें उन्हें बुलावे पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सम्मुख पूछताछ के लिए उपस्थित होने की शर्त शामिल थी।
अपने गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए भुजबल ने जनवरी में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि चूंकि मामले में आरोपपत्र दाखिल हो गया है इसलिए उन्हें अब हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है। इससे पहले दिसंबर 2016 में विशेष पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथान अधिनियमम) के तहत कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका ठुकरा दी थी।
पूर्व लोक निर्माण मंत्री भुजबल और उनके सहयोगियों पर कथित तौर पर पद के दुरुपयोग और राज्य सरकार को वित्तीय हानि पहुंचाने के खुलासे के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।