मुख्यमंत्रियों ने कहा, लोकलुभावन नहींलेकिन विकासोन्मुखी है बजट
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केन्द्रीय बजट में वित्तमंत्री अरूण जेटली द्वारा घोषित कुछ कदमों का स्वागत करते हुए कहा कि कई मामलों में वह लोगों की आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है।
उन्होंने कहा, रोजगार सृजन से जुड़े कदम गंभीर क्षेत्र हैं जिनपर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है। केन्द्रीय बजट 2017-18 मिला जुला है और कई आकांक्षाओं को पूरा नहीं करता है। नोटबंदी के प्रतिकूल प्रभावों को समाप्त करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया गया है।
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू का कहना है कि बजट लोकलुभावन नहीं है, लेकिन विकासोन्मुखी अवश्य है। यह अच्छी बात है।
राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदों के संबंध में की गयी घोषणाओं का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, मैं लंबे समय से चुनाव प्रणाली में सुधार की बात कर रहा था। कुछ दल सिर्फ चंदा लेने के लिए बनी है, लेकिन अब वे खत्म हो जाएंगे।
गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने जहां इसे प्रगतिशील बजट बताया वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे आंकड़ों की बाजीगरी बताकर खारिज किया। रूपानी ने कहा कि बजट महिलाओं, किसानों और युवाओं के सपने पूरे करने की दिशा में ठोस कदम है। उन्होंने कहा, इस बजट के माध्यम से केन्द्र ने प्रत्येक नागरिक के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जतायी है।
हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकरसिंह वघेला ने इसे सामान्य बजट बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत सरकार ने सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी दिखायी है। जम्मू के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता निर्मल सिंह ने केन्द्रीय बजट को गरीबों और किसानों के हित में तथा विकासोन्मुखी बताया।
अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने केन्द्रीय बजट की प्रशंसा करते हुए इसे आज तक का सबसे अच्छा और समेकित बजट बताया। केन्द्रीय बजट में अल्पसंख्यकों के लिए आवंटन बढ़ाए जाने के बावजूद एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इसे समुदाय के लिए निराशाजनक बताया।
मुंबई में आप से निष्किासित नेता मुनीष राजयादा ने बजट में राजनीतिक चंदे के संबंध में की गयी घोषणाओं का स्वागत किया। भाषा