राजस्थान भाजपा विधायकों की लड़ाई पहुंची मोदी के पास, पार्टी की किरकिरी
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के दो विधायकों की लड़ाई का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच चुका है। इस मामले में विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने पत्र लिखकर पीएमओ से इस मामले में दखल देने की मांग की है। इधर, पार्टी के संगठन मंत्री चंद्रशेखर और प्रदेश प्रभारी वी सतीश ने चंद्रकांता मेघवाल से बात कर पूरे मामले की तह तक जांच कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।
दरअसल, भाजपा के कोटा प्रभारी मंत्री के सामने समीक्षा बैठक में पार्टी के कोटा उत्तर से विधायक प्रहलाद गुंजल ने चंद्रकांता मेघवाल को दो कौड़ी का बोला था, जिसके बाद राज्य भाजपा में बवाल मचा हुआ है। अब चंद्रकांता मेघवाल के द्वारा यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास भेजा गया है।
एमएलए चंद्रकांता ने इस मामले की शिकायत मेल कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। इधर, कोटा संभाग सहित कई जगह दलित समुदाय के लोगों ने उनके समर्थन में जगह-जगह विधायक प्रहलाद गुंजल के पुतले जलाकर विरोध दर्ज करवाया है। कांग्रेस पार्टी ने इसको दलित समुदाय और महिलाओं को अपमान करार दिया है। पिछले साल भी विधायक चंद्रकांता मेघवाल और उनके पति के साथ थाने में पिटाई का मामला सामने आया था।
भाजपा के इन पदाधिकारियों को भेजी है शिकायत
जानकारी के अनुसार, भाजपा विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और प्रदेश प्रभारी वी सतीश को पत्र भेजकर 12 मई को कोटा स्थित कलेक्ट्रेट के टैगोर भवन में हुई इस घटना की विस्तार से जानकारी देते हुए प्रहलाद गुंजल के खिलाफ कार्यवाही करने की अपील की है। अपने पत्र में विधायक मेघवाल ने लिखा है कि कोटा के प्रभारी मंत्री प्रभुलाल सैनी व पार्टी के अन्य विधायकों, राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के सामने उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमएलए प्रहलाद गुंजल ने उनको दो कौड़ी की महिला कहकर संबोधित किया है। मेघवाल ने कहा है कि विधायक ने यह शब्द बोलकर सार्वजनिक रूप से अपमानित किया है।
विधायक गुंजल ने मीटिंग में कथित तौर पर कहा था, 'यह दो-दो कौड़ी के लोग जिनको राजनीति में हम लेकर आए हैं, जो इस तरह की हिम्मत कर रहे हैं।' मेघवाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि इससे वे अपने आपको काफी अपमानित, लज्जित और असुरक्षित महसूस कर रही हैं। साथ ही इस बेहद निराशाजनक घटना के बाद से काफी सदमे में हैं। उन्होंने पत्र में कहा कि गुंजल इससे पहले भी कई बार सार्वजनिक शादी समारोह, सार्वजनिक स्थलों व पत्रकारों के सामने बयान देकर मुझे और सैंकड़ों अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को अपमानित कर चुके हैं। विधायक गुंजल ने 15 अप्रैल 2018 को भी बयान दिया, 'मैं चंद्रकांता मेघवाल की बातों का जवाब देना अपना लेवल नहीं समझता।' इसके साथ ही मेघवाल ने पूरे घटनाक्रम और इसी साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनावों को देखते हुऐ पार्टी हित में शीघ्र से शीघ्र उचित कार्यवाही करने की मांग की है।
दरअसल, भाजपा विधायक प्रहलाद गुंजल व बीजेपी की ही एमएलए चंद्रकांता मेघवाल के बीच पिछले लंबे समय में चली आ रही नोक-झोक शनिवार को खुलकर सार्वजनिक हो गई। कृषि मंत्री एवं कोटा के प्रभारी मंत्री प्रभुलाल सैनी के समक्ष समीक्षा बैठक में दोनों विधायकों के मध्य अपने-अपने क्षेत्रों में काम करवाने को लेकर तनातनी इतनी बढ़ गई कि सार्वजनिक जीवन की सभी मर्यादाएं तार-तार हो गईं। विधायक प्रहलाद गुंजल ने अपनी ही समकक्ष विधायक चंद्रकांता मेघवाल को दो कौड़ी का कहा था। इस दौरान दोनों के बीच खूब तकरार हुई। इस जुबानी जंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सारे प्रकरण के दौरान प्रभारी मंत्री सैनी भी चुपचाप सब सुनते रहे।
यूं चला पूरा प्रकरण और बीजेपी की मर्यादाएं तार-तार हुईं
जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बजट घोषणा के बाद भी हाईवे नंबर 76 के बाईपास पर बंधा धर्मपुरा के सड़क मार्ग पर प्रस्तावित अंडरपास के काम को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। गुंजल ने कहा कि यूआईटी इस पर काम नहीं कर रहा। जिसका विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने विरोध करते हुए कहा, 'इसकी अभी कोई जरूरत नहीं है, बल्कि उनके विधानसभा क्षेत्र में लोगों को नाली-पटाव व सड़क की ज्यादा जरूरत है, इसलिए पहले वो काम किए जाएं। इसी बात को लेकर दोनों विधायकों में तीखी तकरार हुई।