कोरोना के घटते मामलों के बीच सीएम हेमन्त ने गांवों पर बढ़ाया फोकस, जांच, टीका और इलाज पर जोर
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के रोज के आंकड़े तेजी से घट रहे हैं मगर हकीकत में ये पूरे प्रदेश का प्रतिनिधित्व नहीं करते। यह सरकार भी खूब समझती है। ग्रामीण इलाकों में शहरों की भांति न अपेक्षित स्वास्थ्य सुविधाएं हैं न जांच की न ही वहां के आंकड़े प्रदेश के आंकड़े में शुमार हो पाते। और टीका को लेकर भ्रम के कारण अनेक इलाकों में टीका के प्रति भी उदासीनता है, विरोध है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना के फैलने से हालात बेकाबू हो सकते हैं। मौजूदा स्थिति अच्छी नहीं है। यही वजह है कि शहरों में कम होते दबाव के बीच राज्य सरकार का पूरा ध्यान गांवों पर केंद्रित हो गया है। एक माह के बाद रविवार को पहला मौका था जब प्रदेश में 24 घंटे में ढाई हजार से कम संक्रमण के नये मामले आये। रविवार को करीब चालीस हजार लोगों की जांच में 2321 मामले सामने आये जबकि 14 अप्रैल को 1798 मामले सामने आये थे। हालांकि अधिकारियों और सांसदों, विधायकों के साथ बैठक, विमर्श में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ग्रामीण इलाकों में कोरोना को लेकर चिंता जाहिर करते रहे, अधिकारियों को सचेत करते रहे।
सोमवार को रामगढ़ रामगढ़ जिला के मांडू ब्लॉक में 80 बेड वाले कोविड केयर सेंटर का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पर ग्रामीण इलाकों की चिंता और प्रयास को लेकर फिर फोकस किया। कहा, सरकार सभी जिले, प्रखंड और पंचायतों में स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत बनाने की कार्य योजना तैयार कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सर्किट बनाने पर विचार किया जा रहा है। सभी प्रखंडों में दो-दो एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने की योजना है। जिलों में ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए सभी जिले में ऑक्सीजन बैंक बनाये जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए रैट (रैपिट एंटीजेंट टेस्ट) की व्यवस्था की जा रही है। 20 लाख रैट उपलब्ध कराया गया है। आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, आशा वर्कर, एसएचजी की महिलाओं का सहयोग लेकर इलाज की कार्य योजना बनाई गई है। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पल्स ऑक्सीमीटर, स्वास्थ्य किट व दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। ताकि प्रारंभिक चरण में ही मरीजों का इलाज हो सके। इसे लिए पांच लाख कोविड किट वितरण की शुरुआत की गई है।
मुफ्त अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार में होने वाली परेशानियों को देखते हुए मुफ्त अंतिम संस्कार का इंतजाम किया जा रहा है। कोरोना के दौर में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां और कब्र की खुदाई के लिए जेसीबी मशीन की मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही है। कोरोना वैक्सीन को लेकर भ्रांति के प्रति भी मुख्यमंत्री चिंतित हैं। उन्होंने कहा है कि कोरोना जांच और वैक्सीन के प्रति लोगों में भ्रम और असमंजस को दूर करना हमारी जिम्मेदारी है।
हर प्रखंड में टास्क फोर्स
ग्रामीण इलाकों में कोरोना के प्रसार को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारी शुरू हो गई है। रोकथाम और उपचार के लिए ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स गठित करने का आदेश जारी हुआ है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने सभी जिला उपायुक्तों के नाम इस आशय का आदेश जारी किया है। जारी आदेश में कहा है कि अभियान चलाकर मरीजों की पहचान और इलाज की व्यवस्था की जाये। ग्रामीण इलाकों में व्यापक रैपिड एंटीजेंट टेस्ट करायें। इसमें सहूलियत के लिए आंगनबाडी सेविकाओं को, सहायिकाओं, बहुद्देशीय कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देकर तैनात किया जाये। इन्हें होम आइसोलेशन किट देने की व्यवस्था की जा रही है। हर प्रखंड मूं तीन से पांच आइसोलेशन केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि किसी भी घर में मौत होने पर परिवार के सभी सदस्यों की कोरोना जांच की जाये। रिपोर्ट के हिसाब से उनके लिए इंतजाम किया जाये। बहरहाल राज्य सरकार ने शहर पर घटते दबाव के बाद ग्रामीण इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया है मगर अभी भी शहरों की भांति ग्रामीण इलाकों में जांच, टीका और स्वास्थ्य सुविधाएं आसान नहीं है। कोरोना का गांवों में प्रवेश हो गया है ऐसे में हालत बिगड़ने से पहले ठोस पहल की जरूरत तो है ही।